जब हम ड्रिब्लिंग, बॉल को लगातार चलाते हुए विरोधियों को दरकिनार करने की कला. Also known as बॉल कंट्रोल, यह कौशल कई खेलों में अहम भूमिका निभाता है। इसी तरह फ़ुटबॉल, पैर से खेला जाने वाला विश्व‑प्रसिद्ध खेल में ड्रिब्लिंग तेज़ गति और दिशा बदलने में मदद करता है। बास्केटबॉल, हाथ से बॉल को ड्रिबल करके कोर्ट पर आगे बढ़ना में भी यही सिद्धांत लागू होता है, जहाँ तेज़ हाथ और सही ऊँचाई जरूरी है। क्रिकेट, गेंदबाज़ी और फील्डिंग का खेल में फील्डर तेज़ दौड़ के दौरान बॉल को नियंत्रित करके रन बचाते हैं, इसे अक्सर ड्रिब्लिंग कहते हैं। इस प्रकार ड्रिब्लिंग विभिन्न खेलों में गति, नियंत्रण और रचनात्मकता को जोड़ता है।
ड्रिब्लिंग के तीन प्रमुख गुण हैं – गति, सटीकता और संतुलन। गति का मतलब है कि आप बॉल को तेजी से आगे बढ़ा सकें बिना रोक-टोक के। सटीकता का अर्थ है बॉल को सही दिशा में ले जाना, ताकि विरोधी के पास पकड़ने का मौका न मिले। संतुलन यह सुनिश्चित करता है कि आप ड्रिब्लिंग करते समय गिरें नहीं। इन गुणों को विकसित करने के लिए नियमित ड्रिल्स जैसे ‘स्लालॉम’, ‘जैज़री साइड स्टेप’ और ‘टैप‑एंड‑गो’ मददगार होते हैं। जब आप इन अभ्यासों को दोहराते हैं, तो आपका शरीर स्वाभाविक रूप से बॉल को पढ़ना सीख जाता है। यही कारण है कि कई कोच ड्रिब्लिंग को बेसिक स्किल मानते हैं, क्योंकि यह आगे की रणनीति को आसान बनाता है।
ड्रिब्लिंग केवल फुटबॉल या बास्केटबॉल तक सीमित नहीं है। फील्ड हॉकी में भी खिलाड़ी स्टिक के साथ बॉल को ड्रिब्ल करने की कोशिश करते हैं, जिससे विरोधी को पास देना मुश्किल हो जाता है। उसी तरह हॉकी में पिट्स की तेज़ सतह पर स्केटिंग के साथ बॉल कंट्रोल महत्वपूर्ण बन जाता है। इस तरह के विभिन्न खेलों में ड्रिब्लिंग के नियम थोड़ा बदलते हैं, लेकिन मूल सिद्धांत – बॉल को लगातार चलाते रहना – स्थिर रहता है। जब आप कई खेलों में ड्रिब्लिंग देखेंगे, तो आप समझ पाएंगे कि ये कौशल कैसे अनुकूलित होते हैं और नए अवसर पैदा करते हैं।
स्पोर्ट्स ट्रेनिंग में ड्रिब्लिंग के लिये विशेष उपकरण भी उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, छोटे आकार की बाएँ‑दाएँ बॉल, कई वजन वाली बॉल और एलीबॉडिक ड्रिब्लिंग कोन। इनका उपयोग करने से हाथ‑पैर के समन्वय में सुधार होता है और मांसपेशियों की स्मृति भी बढ़ती है। कई प्रोफेशनल अकादमी अब ‘ड्रिब्लिंग क्लिनिक’ चलाते हैं, जहाँ युवा खिलाड़ियों को व्यक्तिगत फीडबैक मिलता है। इस तरह की क्लासें सिर्फ तकनीक नहीं सिखाती बल्कि खेल की मानसिकता को भी विकसित करती हैं – जैसे दबाव में सही चुनाव करना और तेज़ी से निर्णय लेना।
अब आप ड्रिब्लिंग की बुनियाद, उसके विभिन्न खेलों में उपयोग और अभ्यास के तरीके जानते हैं। नीचे आप विभिन्न लेखों में ड्रिब्लिंग से जुड़े नवीनतम अपडेट, विशेषज्ञों की टिप्स और हालिया गेम विश्लेषण देखेंगे, जिससे आप अपनी कौशल को अगले स्तर पर ले जा सकेंगे।
निकोला पेपे एक असाधारण फुटबॉलर हैं जिन्होंने पोर्टो, रियल मैड्रिड और आर्सेनल जैसे अनेक शीर्ष क्लबों के लिए खेलते हुए अपनी अद्वितीय कौशल का प्रदर्शन किया है। उनकी गजब की गति और चपलता के कारण वे विरोधी खिलाड़ियों के लिए बुरा सपना साबित होते हैं। पेपे की उत्कृष्ट परफॉरमेंस ने उन्हें चैम्पियंस लीग जीत और बैलन डी'ओर नामांकनों जैसी महत्वपूर्ण पहचान दिलाई है।