जब बात ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश के नॉर्थ कॉलोनी रेजन (एनसीआर) में स्थित एक प्रमुख उपनगर. अन्य नाम से इसे नोएडा सिटी भी कहा जाता है, यह तेज़ी से विकसित हो रहा रेज़िडेंशियल और कॉमर्शियल हब है। इस क्षेत्र में नोएडा सेक्टर, विभिन्न सेक्टरों में बंटा हुआ आवासीय और व्यावसायिक केंद्र मौजूद हैं, जहाँ रियल एस्टेट, आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्ति का तेज़ी से बढ़ता बाजार शहर की अर्थव्यवस्था को चलाता है। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़कें, मेट्रो, और आवागमन के प्रोजेक्ट्स ग्रेटर नोएडा को राष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टेड बनाते हैं।
ग्रेटर नोएडा का विकास “रियल एस्टेट को बढ़ावा देता है” इस सिद्धांत पर आधारित है, इसलिए नए प्रोजेक्ट्स नियमित रूप से लॉन्च होते हैं। मेट्रो लाइन के विस्तार, एक्सप्रेसवे और नई इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम से यात्रा समय घटता है, जो “इन्फ्रास्ट्रक्चर आवश्यकता को पूरा करता है”। इस कनेक्टिविटी ने कई आईटी कंपनियों को यहाँ ऑफिस स्थापित करने के लिए आकर्षित किया, जिससे “उद्योग रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करता है”। शिक्षा संस्थान, हॉस्पिटल और शॉपिंग मॉल का उदय न केवल स्थानीय लोगों की生活 को बेहतर बनाता है, बल्कि बाहरी निवेशकों को भी भरोसा दिलाता है कि यह क्षेत्र दीर्घकालिक रिटर्न देगा।
साथ ही, ग्रेटर नोएडा की सामाजिक ढांचा भी तेज़ी से उन्नत हो रहा है। अनेक निजी और सरकारी स्कूलों में आधुनिक शैक्षणिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जबकि बहु-विशेषता वाले अस्पताल 24‑घंटे आपातकालीन सेवा प्रदान करते हैं। इन सुविधाओं के कारण परिवारों को नई जगह पर बसने में विश्वास मिलता है। पर्यावरणीय पहलें जैसे हरित क्षेत्र, साइकिल ट्रैक और जल पुनर्चक्रण सिस्टम ने शहर की रहने योग्य गुणवत्ता को “सतत विकास के मानक” तक पहुंचाया है।
इन सभी कारकों को देखते हुए, ग्रेटर नोएडा की खबरें, अपडेट्स और विश्लेषण यहाँ एक साथ मिलते हैं। नीचे आप रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, स्थानीय घटनाओं और आर्थिक संकेतकों से जुड़ी ताज़ा लेख देखेंगे, जो आपकी समझ को गहरा करेंगे और निर्णय लेने में मदद करेंगे। अब इस व्यापक संग्रह को देखें और ग्रेटर नोएडा के हर पहलू को करीब से जानें।
यू.पी.एस.सी. ने 14 सितम्बर 2025 को ग्रेटर नोएडा में NDA और CDS की संयुक्त परीक्षा का आयोजन 8 केंद्रों में तय किया। गणित और जनरल एबिलिटी टेस्ट दो शिफ्ट में लिखी जाएगी। सभी परीक्षा ऑफलाइन, OMR शीट पर होगी और केंद्र आवंटन ‘पहले आवेदन‑पहले आवंटन’ के आधार पर होगा।