जब हम महिला कुश्ती, एक ऐसा खेल है जिसमें महिला एथलीट ग्रेडेड मैट पर अपने प्रतिद्वंद्वी को अंक या फालुत करके जीत हासिल करती हैं. इसे कभी स्त्री कुश्ती भी कहा जाता है, लेकिन आज का परिदृश्य बहुत व्यापक है। इस खेल के विकास को समझने के लिए हमें उसके नियमन, प्रमुख प्रतियोगिताओं और सितारों की यात्रा को देखना चाहिए.
भारत में भारतीय महिला कुश्ती संघ, सभी राष्ट्रीय स्तर की स्त्री कुश्ती प्रतियोगिताओं का आयोजन और चयन प्रक्रिया संभालता है. वहीं अंतरराष्ट्रीय कुश्ती फेडरेशन (United World Wrestling), दुनिया भर में महिला कुश्ती के नियम निर्धारित करती है और विश्व चैंपियनशिप का संचालन करती है. इन दो संस्थाओं का सहयोग यह सुनिश्चित करता है कि भारत की एथेलेटिक क्षमताएँ अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ तालमेल रखें। इसलिए हम कह सकते हैं: *महिला कुश्ती* को भारतीय महिला कुश्ती संघ नियमन करता है और अंतरराष्ट्रीय कुश्ती फेडरेशन नियम बनाता है।
खेल में वजन वर्ग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। 50 kg से 76 kg तक के कई वर्ग होते हैं, और प्रत्येक वर्ग में अलग तकनीक और रणनीति की जरूरत पड़ती है। एथेलेट्स को वजन नियंत्रण, शक्ति प्रशिक्षण और टैक्टिकल ड्रिल्स पर ध्यान देना होता है। यही कारण है कि कई कॉम्प्रिहेंसिव ट्रेनिंग सेंटर अब पोषण विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट और बायोमैकेनिक्स एक्सपर्ट को टीम में शामिल कर रहे हैं। परिणामस्वरूप, आज की महिला कुश्ती और भी पेशेवर और वैज्ञानिक बन गई है.
मुख्य प्रतियोगिताओं की बात करें तो ओलंपिक कुश्ती, विश्व की सबसे बड़ी मंच है जहाँ महिला एथेलेट्स अपने देश का गौरव जीतती हैं को सबसे ऊँचा लक्ष्य माना जाता है। इसके साथ ही एशियाई खेल, कॉमनवेल्थ गेम्स, और विश्व चैंपियनशिप भी बड़ी आर्थिक और मान्यताप्राप्त मंच प्रदान करते हैं। इन इवेंट्स में भारतीय महिला कुश्ती सितारे जैसे सन्तोषी ग्रेटर, विजयाली, और एम. स। रामदेवी ने निरंतर पदक जीते हैं, जिससे इस खेल की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है।
अब जबकि हमने संस्थाओं, नियमों, वजन वर्ग, और बड़े मंचों की बात कर ली, आप शायद सोच रहे होंगे कि इस संग्रह में क्या-क्या मिलेगा। नीचे आप विभिन्न लेख पाएँगे जो महिला कुश्ती की जड़ें, ताज़ा आँकड़े, सितारों के इंटरव्यू, और आगामी प्रतियोगिताओं के पूर्वानुमान को कवर करते हैं। चाहे आप एक नई एथेलेट हों या सिर्फ खेल की खबरों में रूचि रखते हों, यहाँ की जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। चलिए, आगे की खबरों में उतरते हैं और इस रोमांचक खेल की दुनिया को करीब से देखते हैं।
भारतीय पहलवान रीतिका हूडा ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 के महिला 76 किग्रा फ्रीस्टाइल क्वार्टर फाइनल में विश्व नंबर 1 एइपेरी मडेट किजी से कठिन मुकाबला किया। किजी ने अपनी असाधारण कुश्ती कौशल से हूडा को हराया, जिससे हूडा का ओलंपिक अभियान समाप्त हो गया।