जब हम NDA, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन, भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक गठेजनों में से एक, जो कई दलों को एक साझा मंच पर लाता है. Also known as National Democratic Alliance, it के नीति लक्ष्य, चुनावी रणनीति और सत्ता में रहने की इच्छा को दर्शाता है.
इस गठबंधन का मुख्य स्तम्भ BJP, भारतीय जनता पार्टी, जो NDA की प्रमुख शक्ति है और अक्सर गठबंधन की नीतियों का नेतृत्व करती है है। BJP के साथ-साथ कोएलिशन पार्टनर, विभिन्न राज्य स्तर की पार्टियाँ जैसे शेरदान वारियर, Janata Dal (United) और अन्य, जो स्थानीय मतदाता आधार प्रदान करती हैं भी NDA को बहु-स्तरीय समर्थन देती हैं। इस प्रकार NDA एक “मुख्य पार्टी + सहयोगी पार्टनर” मॉडल को अपनाता है, जहाँ प्रमुख पार्टी के पास राष्ट्रीय स्तर की व्यापक रणनीति होती है और सहयोगी पार्टनर स्थानीय मुद्दों पर फोकस करते हैं।
NDA का चुनावी खेल अक्सर दो मुख्य तत्वों पर निर्भर करता है: वोट‑बेस का विस्तार और वोट‑पालन। गठबंधन अपनी नीति एजेंडा में विकास, सुरक्षा और डिजिटल इंडिया जैसे बिंदुओं को प्रमुखता देता है, जिससे विभिन्न वर्गों के मतदाता आकर्षित होते हैं। उदाहरण के तौर पर, 2024 के सामान्य चुनाव में NDA ने आर्थिक सुधार और रक्षा खर्च को प्रमुख वादे बनाया, जिससे यह नीति प्रभाव, विकास‑आधारित एजेंडा, जो भारतीय मध्य वर्ग को लक्ष्य बनाता है के रूप में सामने आया।
साथ ही, NDA को विपक्षी गठबंधन UPA, यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस, जो मुख्य रूप से कांग्रेस के इर्द‑गिर्द घूमता है की गतियों को भी काबू में रखना पड़ता है। मौजूदा माहौल में, विपक्ष की आलोचना और उनकी नीति प्रस्तावों को चुनौती देना NDA की रणनीतिक जरूरत बन गया है। यह संबंध gives NDA a clear competitive edge in parliamentary debates and media narratives.
गठबंधन की शक्ति केवल चुनाव तक सीमित नहीं है; यह विधायी कार्य, भारतीय संसद में बिल पास करना, बजट लाना और राष्ट्रीय नीतियों को आकार देना में भी परिलक्षित होती है। NDA के सरकार में होने पर, वह अक्सर “सुरक्षा‑प्राथमिकता” को प्रमुखता देता है, जिससे रक्षा अनुबंध, विदेशी व्यापार और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलता है। इस कारण से NDA का नाम अक्सर रक्षा उद्योग, भारत के हथियार निर्माण और रक्षा उत्पादन सेक्टर के विकास के साथ जुड़ा रहता है के साथ जोड़ा जाता है।
आर्थिक पहलुओं में, NDA ने आर्थिक सुधारों के साथ विदेशी निवेश को आकर्षित करने की कोशिश की है। FDI, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, जो भारत में नौकरी सृजन और तकनीकी उन्नति को गति देता है को आसान बनाने के लिए कई नियामक ढांचों को सरलीकृत किया गया है। इससे छोटे और मध्यम उद्यमों को भी लाभ पहुंचा है, जो अक्सर NDA के सहयोगी पार्टनरों के वोट‑बेस में शामिल होते हैं।
इन सभी पहलुओं को मिलाकर देखें तो NDA एक जटिल, लेकिन बहुत ही गतिशील इकाई है जो भारतीय राजनीति में कई आयामों को जोड़ती है। यदि आप राजनीति में रुचि रखते हैं या आगामी चुनावों की तैयारी कर रहे हैं, तो इस टैग में आपको NDA से जुड़ी विभिन्न ख़बरें, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय मिलेंगी। नीचे सूचीबद्ध लेखों में आप NDA के विभिन्न पहलुओं—राजनीतिक गठबंधन, चुनावी परिणाम, नीति घोषणा और विरोधी पार्टियों की प्रतिक्रिया—के बारे में विस्तृत जानकारी पाएँगे।
यू.पी.एस.सी. ने 14 सितम्बर 2025 को ग्रेटर नोएडा में NDA और CDS की संयुक्त परीक्षा का आयोजन 8 केंद्रों में तय किया। गणित और जनरल एबिलिटी टेस्ट दो शिफ्ट में लिखी जाएगी। सभी परीक्षा ऑफलाइन, OMR शीट पर होगी और केंद्र आवंटन ‘पहले आवेदन‑पहले आवंटन’ के आधार पर होगा।