जब हम बात प्रधानमंत्री, देश के कार्यकारी दल के प्रमुख, जो सरकार की दिशा तय करते हैं. भी पहचानते हैं, तो हमें भारत, दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, भारत गणराज्य और सरकार, कार्यकारी शाखा, जो कानून लागू करती है, कारपालिका के साथ संबंध भी दिखते हैं। साथ ही नीति, समाज, अर्थव्यवस्था, विदेश मामलों में दिशा‑निर्देश, सार्वजनिक नीति को बनाने में प्रधान मंत्री का अहम रोल होता है। इन संस्थाओं की आपसी कड़ी से ही राष्ट्रीय दिशा बनती है। उदाहरण के लिए, प्रधान मंत्री के बयान अक्सर नई आर्थिक नीति के लॉन्च का संकेत देते हैं और विदेश में राजनयिक संबंधों को मजबूत करने का कारण बनते हैं।
वर्तमान में देश में कई बड़े अपडेट चल रहे हैं – दीवाली 2025 का कैलेंडर घोषित हो चुका है, जिससे व्यापारिक महोत्सव में नई खरीदारी प्रवृत्ति देखी जाएगी। यूट्यूब का आउटेज, यू‑एस‑चाइना ट्रेड वॉर, और कई अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर प्रधान मंत्री के बयान अक्सर दिमाग में घुमते रहते हैं। यही कारण है कि लोग सरकार की आर्थिक नीति या विदेश नीति पर नजर रखते हैं – जैसे ट्रेड वॉर के बाद बाजार में उतार‑चढ़ाव और नई विनिमय दरें। इसी तरह, जब संसद में नई आयकर फॉर्म की बात आती है, तो प्रधान मंत्री की टीम से स्पष्ट दिशा‑निर्देश सामने आते हैं, जिससे छोटे व्यवसायियों को राहत मिलती है। इन सभी घटनाओं में एक साझा धागा है – प्रधान मंत्री के निर्णयों का सीधा असर जनता की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर पड़ता है। चाहे वो कर रिटर्न फॉर्म की सरलता हो, या बड़ी कंपनियों जैसे SpiceJet की रिकॉर्ड लाभ की घोषणा। यहां तक कि खेल की बड़ी घटनाओं जैसे एशिया कप, क्रिकेट में भारत की जीत, या महिला क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ दिलचस्प मुकाबले – इन सबमें राष्ट्रीय भावना का झलक प्रधान मंत्री के नेतृत्व से जुड़ी बातों में दर्शाया जाता है। अगर आप राजनीति में नए हैं तो यह साइट आपके लिए एक आसान गाइड है। यहां आपको प्रधान मंत्री की हालिया बयान, नई नीति दस्तावेज़, और चुनावी रुझानों की आसान समझ मिलेगी। साथ ही, आप देख पाएंगे कि विभिन्न क्षेत्रों – अर्थव्यवस्था, खेल, संस्कृति – में प्रधान मंत्री के निर्णय कैसे असर डालते हैं। इस तरह आप बिना किसी जटिल शब्दावली के देश की प्रमुख खबरों को समझ सकते हैं। अगले सेक्शन में हम विस्तृत लेखों और विश्लेषणों की सूची पेश करेंगे, जहाँ आप हर विषय में गहराई से पढ़ सकते हैं – चाहे वह नीति परिवर्तन हो या अंतरराष्ट्रीय राजनयिक कदम। तैयारी करें, क्योंकि नीचे आपको वही जानकारी मिलेगी जो आपके ओर से सबसे ज़्यादा पूछी जाती है।
थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री थक्सिन शिनावात्रा की 37 वर्षीय बेटी पैतोंग्टार्न शिनावात्रा थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। यह पद संभालने वाली वह दूसरी महिला हैं, उनकी चाची इंगलक शिनावात्रा के बाद। उनका चुना जाना थाईलैंड की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाता है।