जब हम पूजा, एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें देवता या ईश्वर की आराधना की जाती है. इसे कभी‑कभी अर्चना भी कहा जाता है। सही तिथि, वह दिन जो पंचांग में पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है और उचित मुहूर्त, समय का वह भाग जिस पर शुभ कर्म अधिक फल देते हैं चुनना पूजा को सफल बनाता है। अक्सर व्रत, एक साधना है जिसमें खाये‑पीये को सीमित किया जाता है ताकि मन की शुद्धि हो भी पूजा के साथ जुड़ा रहता है, जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है.
पूजा केवल देवता को बुलाने तक सीमित नहीं है; यह सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन के कई पहलुओं को जोड़ता है। तिथि चुनते समय पंचांग के नवरात्रि, दीपावली, करवा चौथ जैसे त्यौहारों को देखते हैं, क्योंकि इन दिनों की ऊर्जा विशेष मानी जाती है. मुहूर्त निर्धारित करने में सूर्य‑गुरु, चंद्र‑भाद्रपदी जैसे ग्रहों की स्थिति महत्वपूर्ण होती है, जो धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट है. व्रत के दौरान लोगों के घर में शुद्धता, सत्कार और सामुदायिक सौहार्द बढ़ता है, जिससे पूजा का असर ज्यादा महसूस होता है. इसलिए, पूजा को समझने के लिए इन सभी तत्वों को एक साथ देखना ज़रूरी है.
आजकल इंटरनेट पर मिल रही तिथि‑मुहूर्त कैल्कुलेटर से आप जल्दी से सही समय निकाल सकते हैं, पर ध्यान रहे कि स्थानीय सूर्यास्त‑उदय समय भी मायने रखता है। उदाहरण के तौर पर, करवा चौथ 2025 में दिल्ली‑मुंबई में चाँद उठने का सटीक समय अलग था, इसलिए हर शहर के लिए अलग‑अलग मुहूर्त तय किया गया। इसी तरह, दीवाली 2025 की तिथि (18‑23 अक्टूबर) में आर्थिक और सांस्कृतिक असर को देखते हुए कई व्यवसायों ने विशेष पूजा आयोजित की। इन सबके पीछे वही मूल सिद्धांत है – सही तिथि‑मुहूर्त पर अथवा उचित व्रत के साथ पूजा करने से मन और कार्य दोनों में सकारात्मक बदलाव आता है.
यदि आप पहली बार पूजा कर रहे हैं या कोई नया त्यौहार मनाने की सोच रहे हैं, तो कुछ आसान कदम अपनाएँ: 1) पंचांग से तिथि देखें, 2) विश्वसनीय ग्रंथ या ऑनलाइन कैल्कुलेटर से मुहूर्त निकालें, 3) यदि संभव हो तो व्रत रखें, 4) साफ़‑सुथरा स्थान तैयार करें, 5) मन से भावनात्मक लगाव रखें। इन कदमों से न सिर्फ पूजा का प्रसंग संपूर्ण बनता है, बल्कि परिवार में एकता और शांति भी बढ़ती है.
अब आपको पूजा के सभी पहलुओं का एक संक्षिप्त, लेकिन विस्तृत समझ मिल गई होगी। नीचे आप देखेंगे कि इस टैग में कौन‑कौन से लेख उपलब्ध हैं – दीवाली की तिथि, करवा चौथ के मुहूर्त, अंक ज्योतिष से शुभ दिन, और कई अन्य रोचक विषय। इन लेखों को पढ़कर आप अपनी दैनिक या विशेष पूजा को और भी प्रभावी बना सकते हैं.
अनंत अंबानी की शादी में ममता और पूजा ने पारंपरिक बिहारी व्यंजन तैयार किए। इस आयोजन ने बिहारी व्यंजनों की सांस्कृतिक महत्ता को उजागर किया और ममता और पूजा ने अपने पाक कौशल का प्रदर्शन किया।