अडानी एयरपोर्ट्स आईपीओ की योजना
गौतम अडानी की अगुवाई वाली अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने एयरपोर्ट व्यवसाय को वित्तीय वर्ष 2027-28 तक आईपीओ के माध्यम से सूचीबद्ध करने की योजना बनाई है। इस कदम का उद्देश्य समूह की बाजार में स्थितियों को और मजबूत करना है। अडानी समूह ने अपने विभिन्न कारोबारों को सूचीबद्ध करके पहले ही 10 अरब डॉलर से अधिक का बाज़ार मूल्य प्राप्त किया है। यह योजना समूह के निवेश दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जिसमें अगले 7-10 वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश शामिल है।
वर्तमान वित्तीय स्थिति और योजनाएं
अडानी समूह का इरादा वर्तमान वित्तीय वर्ष (2024-25) में 2 से 3 अरब डॉलर इक्विटी के माध्यम से जुटाने का है। यह राशि समूह के विविध परियोजनाओं में निवेश के उद्देश्य से उपयोग की जाएगी। वर्तमान में, अडानी एंटरप्राइजेज के पास भारत के आठ महत्वपूर्ण एयरपोर्ट्स का स्वामित्व है, जिनमें से सात वर्तमान में संचालित हो रहे हैं। नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण भी जोरों पर है और इसे साल के अंत तक पूर्ण करने का अनुमान है।
हिंडनबर्ग विवाद और आर्थिक प्रगति
जनवरी 2023 में आए हिंडनबर्ग विवाद के बाद अडानी समूह ने अपने घाटों को उबर लिया है और अब वह अपने आगामी परियोजनाओं पर फोकस कर रहा है। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बीएसई पर 0.80% कम होकर ₹3,169 प्रति शेयर पर ट्रेड हो रहे थे। समूह की योजना FY25 में अपने पोर्टफोलियो कंपनियों में ₹1.3 लाख करोड़ से अधिक का निवेश करने की है। इस निवेश का 70% हिस्सा आंतरिक कैश जेनरेशन से और शेष हिस्सा डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा।
अडानी ग्रीन की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं
अडानी ग्रीन, समूह की अक्षय ऊर्जा शाखा, 6-7 गीगावाट प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके अलावा, सोलर वेफर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी बड़े पैमाने पर स्थापित करने की योजना है। कंपनी ने अपने अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को 2030 तक 50,000 मेगावाट तक बढ़ा दिया है, जो पूर्व में 45,000 मेगावाट था।
भावी योजनाएँ और अनुमानित खर्च
अडानी समूह ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूँजीगत व्यय का अनुमान 40% बढ़ाकर रखा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के अनुमानित कैपेक्स से यह वृद्धि दर्शाता है। समूह के इस रणनीतिक दृष्टिकोण का उद्देश्य दीर्घकालिक फायदे सुनिश्चित करना और अपने बाजार में स्थिति को और मजबूत करना है। अडानी समूह का यह प्रयास उसके निवेशकों के लिए आशाजनक नजर आ रहा है और इसके परिणामस्वरूप कंपनी को बाजार में और बेहतर प्रतिस्पर्धा में बने रहने में मदद मिल सकती है।
इस प्रकार, अडानी एयरपोर्ट्स आईपीओ का योजना न केवल कंपनी के लिए फायदेमंद साबित होगी बल्कि भारतीय हवाई परिवहन क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। कंपनी की विस्तृत योजनाएं और निवेश दृष्टिकोण इसके दीर्घकालिक विकास में सहायक सिद्ध होंगे।