आतिशी बनीं दिल्ली की मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल के बलिदान के बाद मिली बड़ी जिम्मेदारी

सित॰, 21 2024

आतिशी का नया अध्याय शुरू

आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने शनिवार, 21 सितंबर, 2024 को दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और इस पद पर अपने नए सफर की शुरुआत की। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं हैं, जो पहले से ही अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और आधुनिक दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं।

शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन

राज निवास में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में, दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए गणमान्य व्यक्ति और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। समारोह का आयोजन योजना के अनुसार हुआ और समय पर ही सम्पन्न हुआ, जिससे आतिशी ने अपनी प्रतिबद्धता और समयनिष्ठा का प्रदर्शन किया।

केजरीवाल का इस्तीफा और वापसी की योजना

अरविंद केजरीवाल ने भाजपा द्वारा उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। केजरीवाल, जो आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, ने कहा कि वे दिल्ली के लोगों से 'ईमानदारी का प्रमाणपत्र' प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री पद पर लौटेंगे। यह घटनाक्रम तब आया जब केजरीवाल 13 सितंबर, 2024 को तिहाड़ जेल से रिहा हुए थे, जहाँ वे एक एक्साइज नीति मामले में पांच महीने से अधिक समय तक बंद थे।

नई मंत्रिपरिषद की घोषणा

आतिशी के शपथ ग्रहण के साथ ही नई मंत्रिपरिषद की भी घोषणा की गई, जिसमें गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, और इमरान हुसैन शामिल हैं। इन मंत्रियों ने केजरीवाल की सरकार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा, नए सदस्य मुकेश अहलावत, जो पहली बार सुल्तानपुर माजरा से विधायक बने हैं, को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।

आतिशी का राजनीतिक सफर

आतिशी का राजनीतिक सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। वह शिक्षा और सामाजिक कल्याण के मुद्दों पर अपने बेहतरीन काम के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और उनके द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों की व्यापक प्रशंसा हुई है। आतिशी का राजनीति में प्रवेश मनीष सिसोदिया के साथ काम करते हुए हुआ था और उन्होंने धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई।

नए दृष्टिकोण और चुनौतियाँ

आतिशी अब नई जिम्मेदारियों के साथ दिल्ली की जनता की सेवा करेंगी। उनकी प्राथमिकताएं शिक्षा, स्वास्थ्य, और महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित होंगी। दिल्ली की बदलती स्थितियों और आगामी विधान सभा चुनावों के बीच, आतिशी को नई चुनौतियों का सामना करना होगा। अब देखना यह होगा कि आतिशी किस तरह से इन चुनौतियों का सामना करती हैं और अपने वादों को पूरा करती हैं।

महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

आतिशी का मुख्यमंत्री बनना दिल्ली की राजनीति में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक माना जा रहा है। इसके पहले भी सुषमा स्वराज ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में काम किया था। आतिशी के पास अब मुख्य भूमिका है और उम्मीद है कि वह अपने कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण सुधार और विकास करेंगी।

इस प्रकार, दिल्ली की राजनीति में नया आयाम जुड़ चुका है और आतिशी की अगुवाई में आप पार्टी ने नया अध्याय लिखना शुरू कर दिया है। दिल्ली की जनता को आतिशी से बड़ी उम्मीदें हैं और अब यह देखने वाली बात होगी कि वह उनकी अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती हैं।