एंजेल टैक्स का अंत: भारतीय स्टार्टअप्स के लिए नई राह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 की घोषणा करते हुए बताया कि एंजेल टैक्स को अब पूरी तरह से समाप्त किया जा रहा है। यह फैसला भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को और भी सशक्त बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। एंजेल टैक्स की समाप्ति से निवेशकों को विशेष रूप से गैर-निवासी निवेशकों को भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश करने में सुविधा होगी।
एंजेल टैक्स की पृष्ठभूमि और उसकी समस्याएं
एंजेल टैक्स की शुरुआत 2012 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स में बढ़ी हुई कीमतों पर किए गए निवेश को आय के रूप में मानकर कर जोड़ना था। यह कदम टैक्स चोरी को रोकने के लिए उठाया गया था, लेकिन इसका असर उल्टा पड़ा। स्टार्टअप्स को अतिरिक्त स्क्रूटिनी का सामना करना पड़ा और साथ ही उन पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा। टैक्स की दर 30% थी, जो निवेशकों और स्टार्टअप्स दोनों के लिए बड़ी चुनौती थी।
निवेशकों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ
इस फैसले का उद्योग जगत में व्यापक स्वागत हुआ है। ब्लूम वेंचर्स के मितुल मेहता और एसिडियस के सोमदत्ता सिंह जैसे प्रमुख उद्योग विशेषज्ञों ने इस निर्णय को भारतीय स्टार्टअप संस्कृति के पोषण की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से स्टार्टअप्स को वित्तीय संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे आसानी से पूंजी जुटा सकेंगे।
स्टार्टअप फंडिंग में गिरावट: एक चिंताजनक स्थिति
पिछले कुछ समय से भारतीय स्टार्टअप्स को फंडिंग के मामले में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 2023 में निवेश में 60% की गिरावट दर्ज की गई और यह केवल $10 बिलियन तक सीमित रह गया। एंजेल टैक्स की समाप्ति से इन समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद है। नए निवेशकों का प्रवेश होने से और निवेश की गतिविधियों में तेजी आने से स्टार्टअप्स के लिए एक सहायक वातावरण तैयार होगा।
आगे की राह: नवाचार और उद्यमशीलता का समर्थन
एंजेल टैक्स की समाप्ति के बाद, अब स्टार्टअप्स को नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का और अधिक अवसर मिलेगा। बढ़ी हुई पूंजी और कम भिन्नताओं से स्टार्टअप्स अपनी परियोजनाओं को तेजी से बढ़ा सकेंगे और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। सरकार का यह कदम स्टार्टअप्स को दीर्घकालिक लाभ प्रदान करने वाला साबित होगा, जिससे भारतीय इकोनॉमी की साझेदारी भी बढ़ेगी।
बजट 2024 में किए गए अन्य सकारात्मक बदलावों से भी व्यापार और उद्योग जगत को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। नए कानूनों और विनियमों के साथ-साथ, स्टार्टअप्स के लिए खास योजनाओं का भी ऐलान किया गया है, जो उनके विकास में सहायक साबित होगी।
एंजेल टैक्स का خاتमा एक महत्वपूर्ण कदम है, और अब यह देखने की जरूरत होगी कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम इसके बाद कैसे बदलाव और विकास की राह पर आगे बढ़ता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह कदम निश्चित रूप से भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।