मध्यपूर्व में बढ़ता तनाव
मध्यपूर्व में हालात काफी नाजुक हो गए हैं। इज़राइल और ईरान के बीच का तनाव अब अपने चरम पर है। हाल ही में हुए घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच की खाई को और गहरा कर दिया है।
इज़राइल ने हाल ही में हिजबुल्लाह के कमांडर फुआद शुकर और हमास के चीफ इस्माइल हानियेह की हत्या कर दी है। यह हत्याएँ दक्षिण बेरूत के एक घनी आबादी वाले आवासीय इलाके में हुईं। इस घटना में शुकर के अलावा पांच नागरिकों की भी जान गई। इसी तरह, गाजा में इज़राइली हमलों में 12 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें आठ हालिया गोलीबारी में मारे गए हैं।
इज़राइल की संभावित कार्रवाई
इससे उत्तेजना और भी बढ़ गई है, और इज़राइल अब संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इज़राइल की शीर्ष सरकारी और सुरक्षा अधिकारी इस स्थिति पर बुद्धिशील होकर विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इन्होंने कहा है कि यदि ईरान या उसके प्रॉक्सीज ने कोई भी आक्रमण किया तो इज़राइल कड़ा जवाब देगा।
ईरान ने भी इज़राइल को दंडित करने की धमकी दी है। इसने कहा है कि अगले 24 से 48 घंटों में यह हमला हो सकता है। हिजबुल्लाह ने भी अपने हमलों को और बढ़ाने की धमकी दी है और कहा है कि वे इज़राइली इलाके में और गहरे हमले करेंगे, शायद सिर्फ सैन्य अड्डों को ही नहीं बल्कि सामान्य नागरिकों को भी निशाना बनाएंगे।
लेबनान में हालात
लेबनान में भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। अमेरिका और अन्य देशों ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी है ताकि वे किसी भी संभावित खतरे से सुरक्षित रह सकें। पेंटागन ने क्षेत्र में एक लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन भेजने का निर्णय लिया है और विमान वाहक पोत को भी तैनात रखने का निर्णय लिया है ताकि इज़राइल का समर्थन किया जा सके और अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इज़राइल की सहयोगी यूनाइटेड किंगडम ने भी सैन्य तैयारी शुरू कर दी है। ब्रिटिश नौसेना के दो जहाज पहले से ही क्षेत्र में तैनात हैं और रॉयल एयर फ़ोर्स ने अपने ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर्स को भी तैयार रहने का निर्देश दिया है।
ईरान-इज़राइल तनाव के प्रभाव
इज़राइल और ईरान के बीच का यह तनाव न केवल इन दोनों देशों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि समस्त मध्यपूर्व क्षेत्र के लिए भी गंभीर खतरा बना हुआ है। अप्रैल 13-14 की घटना जब ईरान ने सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें इज़राइल पर दागी थी, उसे ध्यान में रखते हुए इज़राइल और अमेरिका संभावित हमलों को रोकने के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन का भी समन्वय कर रहे हैं।
हेज़बुल्लाह के पास अत्याधुनिक हथियारों का बड़ा भंडार है, जिससे खतरा और भी काफी बढ़ गया है। इसमें एक मिलियन से अधिक रॉकेट्स, एंटी-टैंक वेपन्स, सुसाइड ड्रोन और विभिन्न प्रकार की मिसाइलें शामिल हैं, जो ज्यादातर ईरान और रूस से मिली हुई हैं।
यह तनाव किस दिशा में जाएगा, यह कहना कठिन है, लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि स्थिति और गंभीर होती जा रही है। ईरान और उसके प्रॉक्सीज के पास आधुनिक हथियार होने के कारण यह संघर्ष और भी विनाशकारी हो सकता है।
इज़राइली और अमरीकी तैयारी
इज़राइल और अमेरिका ने इस स्थिति को लेकर समर्पित तैयारी करनी शुरू कर दी है। अमेरिकी अधिकारी इस क्षेत्र में स्थायीत्व बनाए रखने के लिए नित नए कदम उठा रहे हैं। क्षेत्र में अमेरिकी उपस्थिति न केवल इज़राइल के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।
इज़राइल और अमेरिका के बीच इस सहयोग और समन्वय से यह उम्मीद की जा सकती है कि संभावित हमलों को रोका जा सकेगा और स्थिति को नियंत्रित किया जा सकेगा। परन्तु इस सबके बावजूद, नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, जल्द से जल्द तनाव को खत्म करने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।