जो रूट ने सर एलिस्टेयर कुक का रिकॉर्ड तोड़ा, बने इंग्लैंड के नए शतकवीर

सित॰, 1 2024

जो रूट का नया मुकाम

इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट ने क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने 34वें शतक के साथ सर एलिस्टेयर कुक को पीछे छोड़ दिया है। लॉर्ड्स में श्रीलंका के खिलाफ हुए दूसरे टेस्ट मैच में रूट की इस उपलब्धि ने उन्हें क्रिकेट जगत के महानतम बल्लेबाजों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।

रूट ने अपनी पहली पारी में 143 रन बनाकर और दूसरी पारी में 103 रन बनाकर कुक के 33 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड को पार कर लिया। कुक, जो 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे, ने अपने करियर में 33 टेस्ट शतक बनाए थे। रूट ने उस समय 14 शतक लगाए थे। लेकिन कुक के संन्यास के बाद, रूट ने 71 अतिरिक्त टेस्ट खेले और 20 और शतक बनाए।

रूट का बल्लेबाजी औसत 50.93 है, जो उन्हें इंग्लैंड के शीर्ष बल्लेबाजों की लिस्ट में शामिल करता है। इस सूची में वॉली हैमंड और केन बॅरिंगटन भी शामिल हैं, जिनका औसत भी 50 से अधिक है। रूट ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के लगभग हर साल में शतक लगाए हैं, सिवाय 2012 और 2020 के। 2012 में उन्होंने अपना डेब्यू किया था और 2020 में कोविड महामारी के कारण क्रिकेट गतिविधियों पर असर पड़ा था।

सर्वाधिक अर्ध-शतकों का भी रिकॉर्ड

सर्वाधिक अर्ध-शतकों का भी रिकॉर्ड

जो रूट के नाम सबसे अधिक अर्ध-शतकों का भी रिकॉर्ड है। उन्होंने 64 अर्ध-शतक बनाए हैं, जो उन्हें इंग्लैंड की ओर से सबसे अधिक 50 से अधिक रनों के स्कोर के मामले में 98 बार यह कारनामा करते दिखाते हैं। उन्होंने 265 पारीयों में इसे अंजाम दिया है।

विश्व क्रिकेट के महानतम शतकवीर

विश्व क्रिकेट के महानतम शतकवीर

रूट अब विश्व क्रिकेट के उन महान शतकवीरों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिनमें यूनिस खान, ब्रायन लारा, सुनील गावस्कर और महेला जयवर्धने जैसे दिग्गज बल्लेबाज हैं। इन सभी के भी 34 टेस्ट शतक हैं। रूट से आगे सिर्फ पांच बल्लेबाज हैं: राहुल द्रविड़ (36), कुमार संगकारा (38), रिकी पोंटिंग (41), जाक कालिस (45), और सचिन तेंदुलकर (51)।

रूट ने अपना यह नया रिकॉर्ड अपने 145वें टेस्ट में बनाया है, जबकि उनके आगे के अधिकांश बल्लेबाजों ने इससे कहीं अधिक मुकाबले खेले हैं। इस अद्वितीय प्रदर्शन के साथ, रूट उस मुकाम के और भी करीब पहुंच गए हैं, जहां टेस्ट मैचों में 100 से अधिक 50-प्लस के स्कोर वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल होते हैं, जिसमें सचिन तेंदुलकर, जाक कालिस और रिकी पोंटिंग शामिल हैं।

जो रूट की यह उपलब्धि इंग्लैंड क्रिकेट के लिए गर्व की बात है और यह उन्हें विश्व क्रिकेट में एक महान बल्लेबाज के रूप में स्थापित करती है। उनकी मेहनत, धैर्य और क्रिकेट के प्रति सम्मर्पण ने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाया है।

भविष्य की चुनौतियाँ

भविष्य की चुनौतियाँ

जो रूट के इस रिकॉर्ड ने इंग्लैंड क्रिकेट को एक नई पहचान दी है। अब देखना यह होगा कि वे आने वाले समय में किन नई ऊंचाइयों को छूते हैं और किस प्रकार अपने खेल को और भी उचाईयों पर ले जाते हैं। उनके प्रदर्शन से नए खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी उच्च प्रदर्शन की ओर आगे बढ़ेंगे। जो रूट की कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत और धैर्य के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।