महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने राजघाट पहुंचकर दिए श्रद्धांजलि

जन॰, 30 2025

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

जिस दिन की प्रत्येक भारतीय नागरिकता में उनके प्रति अतुलनीय सम्मान होता है, वह दिन है महात्मा गांधी की पुण्यतिथि। 30 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इनकी पुण्यतिथि को राष्ट्रीय स्तर पर 'शहीद दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को सभी शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी बलिदान दे ली।

प्रधानमंत्री मोदी ने राजघाट पर आयोजित एक सादगीपूर्ण समारोह में भाग लिया। राजघाट, गांधी जी के समाधि स्थल, पर कई गणमान्य व्यक्ति एकत्रित हुए थे, जहाँ राष्ट्र के प्रति उनके बलिदान का स्मरण हुआ। मोदी ने सोशल मीडिया मंच पर 'X' पर एक संदेश भी साझा किया जिसमें उन्होंने कहा, "पुज्य बापू को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। उनके आदर्श हमें एक विकसित भारत बनाने को प्रेरित करते हैं। मैं उन सभी शहीदों को भी श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने हमारे राष्ट्र के लिए अपनी सेवा और बलिदान को याद किया।"

शहीद दिवस का महत्व

शहीद दिवस भारत में हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से महात्मा गांधी की याद में मनाया जाता है, जो 1948 में इसी दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में शाम की प्रार्थना सभा के बाद नाथूराम गोडसे द्वारा मारे गए थे। यह केवल गांधी जी को याद करने का दिन नहीं है, बल्कि उन अनगिनत वीरों की याद भी है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण त्याग दिए।

'शहीद दिवस' या 'सर्वोदय दिवस' भी उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों की श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। यह दिन एक विशेष महत्व रखता है और इसे देश के कोने-कोने में मनाने की परंपरा है। इस दिन विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थान महात्मा गांधी और उनके आदर्शों की चर्चा करने वाले कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

महात्मा गांधी का योगदान और उनकी विरासत

महात्मा गांधी का योगदान न केवल भारत की स्वतंत्रता में अत्यधिक रहा बल्कि उनके सिद्धांत और विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। सत्य और अहिंसा को अपने सबसे शक्तिशाली अस्त्र के रूप में प्रयोग करने वाले गांधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। उन्होंने अहिंसात्मक आंदोलन और सत्याग्रह के माध्यम से जनता को स्वतंत्रता का महत्व सिखाया और ब्रिटिश शासन का सामना करने के उपाय दिए।

गांधी जी के आदर्श हमें आज भी प्रेरित करते हैं और समाज में हृदय परिवर्तन और सुधार की दिशा में काम करते हैं। उन्होंने 'स्वदेशी' का नारा दिया और भारतीयों को खुद पर आत्मनिर्भर होने का आह्वान किया। उनके द्वारा किए गए आंदोलनों जैसे 'नमक सत्याग्रह', 'भारत छोड़ो आंदोलन', और 'असहयोग आंदोलन' ने भारतीय जनमानस में राष्ट्रीयता की भावना को जागरूक किया।

महात्मा गांधी की सरलता, विचारशीलता और सादगी आज भी हमारे जीवन के आदर्शों का हिस्सा है। उनका विचार था कि सच्चा स्वराज तभी पूर्ण होगा जब हर एक भारतीय आत्मनिर्भर हो और आत्म-सम्मान के साथ जीने की कला सीख ले।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी के आदर्शों की प्रासंगिकता

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गांधी के आदर्शों की प्रासंगिकता

समाज में बढ़ती संप्रदायिकता, असहमति और हिंसा के दौर में गांधी जी के विचार और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। आज के समय में अहिंसा और सत्य की राह पर चलना ही समाज को बचा सकता है। 'न्याय और समानता' के उनके सिद्धांत आज भी सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और स्वतन्त्रता के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

गांधी जी का विचार था कि विकास का मार्ग उस समाज में ही प्रशस्त हो सकता है, जहां हर एक व्यक्ति को समान अधिकार प्राप्त हो और हर किसी की आवाज को सुना जाए। इस दिन सभी राजनेता और जनता मिलकर अहिंसात्मक गतिविधियों और सोच के लिए काम करने की प्रतिज्ञा करते हैं।

गांधी जी के विचार आज भी न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मानवाधिकारों और शांति के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं। उनके सिद्धांतों को अपनाकर ही हम एक सशक्त और प्रगतिशील समाज की स्थापना कर सकते हैं।