मणु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में तीसरे फाइनल में पहुँचकर रचा इतिहास
भारतीय निशानेबाज मणु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास बना दिया है। 22 वर्षीय मणु ने अपने तीसरे ओलंपिक फाइनल में क्वालिफाई करके भारतीय निशानेबाजी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है।
शुरुआती संघर्ष और सफलता
मणु की यात्रा किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं है। उन्होंने टोक्यो 2020 ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अपने करियर को दोबारा पटरी पर लाया है। टोक्यो में वह किसी भी इवेंट में फाइनल में नहीं पहुँच सकीं, लेकिन पेरिस में उनकी वापसी ने सबको चौंका दिया। पहली बार उन्होंने महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीता और उसके बाद 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सर्बजोत सिंह के साथ दूसरा कांस्य पदक हासिल किया।
महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट
अब मणु का तीसरा फाइनल महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में है। इस इवेंट में उन्होंने कुल 590 अंक के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस विशेष इवेंट में स्पीड और प्रिसिजन दोनों का परीक्षण होता है और यह निश्चित रूप से निशानेबाजों के लिए एक कठिन चुनौती होता है।
महानतम भारतीय निशानेबाज बनने की ओर
अगर मणु तीसरे फाइनल में पदक जीतने में सफल होती हैं, तो वह एक ही ओलंपिक में तीन पदक जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बन जाएंगी। अब तक, भारतीय निशानेबाजी में केवल अभिनव बिंद्रा ही ऐसे निशानेबाज रहे हैं जिन्होंने तीन अलग-अलग ओलंपिक में फाइनल मैच खेले हैं।
मणु का यह सफर उनके लिए खुद के साथ-साथ भारतीय खेल जगत के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।
परिवार और समर्थकों की प्रतिक्रिया
मणु की इस सफलता पर उनके परिवार और समर्थकों ने खुशी जताते हुए कहा कि उनकी इस उपलब्धि से न केवल परिवार बल्कि पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है। मणु की मां का कहना है कि उन्होंने हमेशा विश्वास रखा था कि उनकी बेटी एक दिन बड़े मुकाम हासिल करेगी।
भविष्य की चुनौतियाँ और तैयारी
मणु का यह सफर अब खत्म नहीं हुआ है। उन्हें आगे भी कई महत्वपूर्ण चैंपियनशिप और टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेना है। उनकी टीम ने बताया कि उन्होंने फाइनल्स के बाद भी अपनी ट्रेनिंग जारी रखी है ताकि वे हर संभव तैयारी से फाइनल्स में उतरें।
उनके कोच का कहना है कि मणु मानसिक और शारीरिक तौर पर बहुत मजबूत हैं और उन्हें विश्वास है कि मणु अपनी कड़ी मेहनत और धैर्य से आगामी फाइनल में पदक जरूर जीतेंगी।
नजरें जीत पर
अब सबकी नजरें उस अंतिम दिन पर टिकी हैं जब मणु फाइनल्स में अपनी जगह लिवाएंगी। भारतीय समर्थकों को पूरा विश्वास है कि मणु इस बार पदक के साथ लौटेंगी।
मणु भाकर की इस यात्रा ने न केवल उन्हें भारतीय निशानेबाजी का नया चेहरा बना दिया है, बल्कि उन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि मेहनत, समर्पण और संयम से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। पेरिस ओलंपिक में उनके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियाँ भारतीय खेल इतिहास में सदा के लिए दर्ज हो जाएंगी।