रोहिणी में सीआरपीएफ स्कूल के पास विस्फोट ने मचाई दहशत
दिल्ली के रोहिणी इलाके के प्रशांत विहार में एक रहस्यमयी विस्फोट ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी। यह विस्फोट 20 अक्टूबर, 2024 को सीआरपीएफ स्कूल के पास हुआ, जिससे स्कूल की दीवार, आसपास की कई दुकानें, और एक पार्क की गई कार को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। विस्फोट के समय क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल था, लेकिन स्थानीय लोगों और अधिकारियों की सजगता से स्थिति को संभाल लिया गया।
विस्फोट के पीछे क्रूड बम का संदेह
प्रारंभिक जांच के मुताबिक, इस विस्फोट में क्रूड बम का उपयोग किया गया था। अधिकारियों का मानना है कि यह बम अमोनियम नाइट्रेट और फास्फोरस के संश्लेषण से बनाया गया था, जो संभवत: स्थानीय बाजार से प्राप्त किया गया था। यह विस्फोट एक सुनियोजित घटना हो सकती है, लेकिन धमाके का समय गलत तरीके से निर्धारित किया गया, जिससे यह बड़े नुकसान से बच गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, और इसमें एसीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं।
विस्फोट स्थल पर जांच की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद विस्फोट स्थल को पुलिस ने अपने नियंत्रण में ले लिया, और क्षेत्र में किसी भी तरह के अवांछनीय तत्वों की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी गई। विस्फोट स्थल की आसपास की जाँच के लिए एनएसजी, आईबी, सीआरपीएफ और फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीमें भी लगा दी गई हैं। इस घटना की जांच के लिए विभिन्न एजेंसियों का गठजोड़ हुआ, ताकि हर पहलू से घटना का विश्लेषण किया जा सके।
कानूनी कार्रवाई और जांच का मौजूदा स्थिति
बम विस्फोट के संबंध में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और विस्फोटक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए अपनी स्पेशल सेल को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत स्थिति को और गंभीर समझा गया तो मामले को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को भी सौंपा जा सकता है। पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच और अपराध स्थल के नक्शे की जाँच आदि की प्रक्रिया जारी है।
कुख्यात घटनाओं से समानता
इस विस्फोट की तुलना 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट के पार्किंग क्षेत्र में हुई कम तीव्रता वाली बम धमाके से की जा रही है। उस घटना में भी कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन इसके पीछे भी कुख्यात तत्वों का हाथ होने का शक था। वर्तमान घटना में भी पुलिस को कट्टरपंथियों के संलिप्त होने का संदेह है। इन संभावनाओं के तहत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हर छोटी से छोटी चीज़ को ध्यान में रख रही हैं, ताकि दोषियों तक पहुंचा जा सके।