जब बात अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के दो बार मुख्यमंत्री, AAP के प्रमुख संस्थापक और आज के सबसे चर्चित राजनेता की होती है, तो तुरंत दो चीज़ें दिमाग में आती हैं: लड़ाई का माहौल और बदलाव की संभावना। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025, राजनीतिक दिशा तय करने वाला बड़ा मोड़ इस पर घनिष्ठ असर डालता है, जबकि AAP, आम आदमी पार्टी, जो केजरीवाल की पार्टी है और BJP, भाजपा, जिसके विरोधी के रूप में केजरीवाल अक्सर सामने आते हैं के बीच की टकराव इस महायात्रा को और रोमांचक बनाता है। एक प्रमुख तथ्य यह है कि केजरीवाल की नीतियां अक्सर पब्लीक सर्वे में उच्च अंक लेती हैं, लेकिन चुनाव में उनका प्रदर्शन कई कारकों पर निर्भर करता है – जैसे गठबंधन, स्थानीय गठजोड़ और विरोधी पार्टियों की रणनीति।
हर चुनाव में तीन मुख्य घटक होते हैं: उम्मीदवार की छवि, मुद्दों की प्रासंगिकता, और वोटर बेस का उत्साह। अरविंद केजरीवाल ने 2012 से लेकर 2025 तक इन तीनों को अलग‑अलग तरीकों से जोड़ने की कोशिश की। उदाहरण के तौर पर, पानी की प्रोजेक्शन, मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य पहलें AAP की पहचान बन गईं, जबकि 2025 के चुनाव में BJP ने आर्थिक विकास और सुरक्षा को मुख्य एजेंडा बनाया। यही कारण है कि वोटर व्यवहार, धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं से प्रभावित को समझना जरूरी हो गया। यदि हम देखें तो दिल्ली में युवा वर्ग और मध्यम वर्ग ने अक्सर AAP को समर्थन दिया, जबकि बुजुर्ग वोटर BJP की ओर झुके। इस विभाजन को ध्यान में रखकर ही केजरीवाल ने 2025 में नई अभियान रणनीति अपनाई – सोशल मीडिया पर रियल‑टाइम एंगेजमेंट, स्थानीय मुद्दों पर तेज़ प्रतिक्रिया और गठबंधन के लिए शर्तें तय कीं।
भविष्य का मानचित्र बनाते समय तीन प्रश्न खुद से पूछना फ़ायदेमंद है: क्या केजरीवाल की नीति‑निर्धारण शैली अभी भी दिल्ली के जनसंख्या के साथ तालमेल रखती है? क्या गठजोड़ के विकल्पों में नई ताकतें उभर रही हैं? और सबसे ज़रूरी, क्या विरोधी पार्टियों की रणनीति में कोई मौलिक बदलाव आया है? इन सवालों के उत्तर केजरीवाल की अगली जीत या हार को तय करेंगे। नीचे आप पाएँगे कई लेख – जिसमें चुनाव परिणाम, रणनीति विश्लेषण, पार्टियों की नई घोषणाएँ और सार्वजनिक प्रतिक्रिया शामिल हैं – जो इस जटिल राजनीतिक परिदृश्य को आसान बनाते हैं। पढ़ते रहें, क्योंकि इस टैग में आपको दिल्ली की राजनीति के हर कोने से जुड़ी ताज़ा ख़बरें और गहरी विश्लेषण मिलेंगे।
आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने शनिवार, 21 सितंबर, 2024 को दिल्ली की मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। उन्होंने अरविंद केजरीवाल का स्थान लिया जिन्होंने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं हैं। शपथ ग्रहण समारोह राज निवास में आयोजित हुआ। मंत्रियों में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, और नए सदस्य मुकेश अहलावत शामिल हैं।