जब आप बजट 2024, भारत सरकार की वार्षिक वित्तीय योजना, जो राजस्व, खर्च और नीति दिशा तय करती है. इसे अक्सर वित्तीय बजट कहा जाता है, तो इसका महत्व समझना जरूरी है। इस बजट में आयकर रिटर्न, व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा अपनी आय की घोषणा करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है, जिससे करदाताओं के लिए बोझ कम हो सके। साथ ही राजकोषीय नीति, लागत, कर और निवेश के संतुलन को निर्धारित करने वाला ढांचा भी इस बजट के केंद्र में है।
बजट 2024 का पहला प्रमुख लक्ष्य आर्थिक विकास को तेज करना है। सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश बढ़ाकर जीडीपी वृद्धि दर को 7% तक ले जाने की योजना बनाई है। यह लक्ष्य तभी संभव है जब कर सुधार जैसे कर सुधार प्रभावी हों और आयकर रिटर्न का डिजिटलीकरण आसान हो। इससे उद्यमियों को पूँजी जुटाने में सुविधा मिलती है और निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। दूसरी ओर, राजकोषीय नीति में खर्च के प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए कटौतियों की बजाय पुनःसंरचना को प्राथमिकता दी गई है, जिससे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अधिक स्थिरता आएगी।
बजट 2024 के कुछ प्रमुख प्रावधान सीधे जनता की जेब पर असर डालते हैं। आयकर स्लैब का पुनरावलोकन, छोटे व्यवसायों के लिए कर राहत, और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने वाले उपाय सभी को टैक्स बोझ घटाने में मदद करेंगे। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य सेक्टर में पूँजी का दोगुना निवेश, ग्रामीण सड़कों का विस्तार और स्वच्छ ऊर्जा पर सब्सिडी, इन सबका उद्देश्य गरीबी कम करना और रोजगार के नए अवसर बनाना है। जब राजकोषीय नीति इन क्षेत्रों को प्राथमिकता देती है, तो बजट की सफलता का सीधा मापदंड स्थायी विकास में देख सकते हैं।
अब आप नीचे दिए गए लेखों में बजट 2024 के विभिन्न पहलुओं—कर सुधार, आयकर रिटर्न का सरलकरण, राजकोषीय दिशा-निर्देश और आर्थिक प्रभाव—पर विस्तृत विश्लेषण पाएँगे। इन पोस्टों को पढ़कर आप न केवल बजट की प्रमुख धाराओं को समझ पाएँगे, बल्कि इन नीतियों को अपने व्यक्तिगत वित्त और व्यवसाय में कैसे लागू कर सकते हैं, इसका भी स्पष्ट विचार मिलेगा। तैयार रहें, क्योंकि आपके सामने आने वाली वित्तीय जानकारी आपके निर्णयों को सशक्त बनाती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 में सभी प्रकार के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाने, उद्यमशीलता भावना को बढ़ावा देने और नवाचार को समर्थन देने की दिशा में उठाया गया है। एंजेल टैक्स 2012 में पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य कंपनियों में निवेश को आय के रूप में देख कर 30% कर लगाना था।