जब दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार, जो अंधकार पर रौशनी और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. Also known as दीवाली, it marks नई शुरुआत और आर्थिक गतिविधियों का शिखर है. इस लेख में दिवाली की तिथि, मुहूर्त और रिवाज सब एक ही जगह पढ़ेंगे। नीचे मिलेगी 2025 की पंचांग, शॉपिंग टिप्स और पूजा‑पाठ का चक्कर।
सबसे पहले समझें तिथियां कैलेंडर में दीवाली के पाँच प्रमुख दिन – वसु, धणत्रे, निजाम, गोवर्धन और दीपावली. Also called दिवाली के दिन, ये सभी मिलकर त्यौहार की कथा बनाते हैं. तिथियों को जानकर आप सही समय पर खरीदारी, पूजा और यात्रा कर सकते हैं। साथ ही मुहूर्त विशेष समय जब शुभ कार्य करना लाभदायक माना जाता है. Alternate name शुभ समय, यह तय करता है कि घर में लाइट जलाना, पटाखे चलाना या व्यापारिक दस्तावेज़ साइन करना कब करना चाहिए. इसलिए तिथि + मुहूर्त = सही प्लानिंग, जिससे आर्थिक और सामाजिक दोनों लाभ मिलते हैं।
धन‑लक्ष्मी का स्वागत भी दीवाली का अहम हिस्सा है। धन लाभ लक्ष्मी पूजा के बाद मिलने वाली आर्थिक समृद्धि और व्यापार में बढ़ोतरी. Also referred to as लक्ष्मी‑वित्त, यह अवधारणा कई लोग अपने बिज़नेस प्लान में शामिल करते हैं। जब आप तिथि‑मुहूर्त के साथ सही समय चुनते हैं, तो धन‑लाभ के अवसर भी बढ़ते हैं – चाहे वो स्टॉक्स में निवेश हो या नई दुकान खोलना।
रिवाज ऐसे छोटे‑छोटे काम हैं जो त्यौहार को जिंदा रखते हैं। रिवाज परम्परागत प्रथा जैसे दीप जलाना, मिठाई बनाना और पटाखा चलाना. Also known as परम्पराएँ, ये सामाजिक जुड़ाव को मज़बूत बनाते हैं। रिवाजों का पालन करके आप परिवार में एकता और खुशियों की लहर पैदा करते हैं, और साथ ही स्थानीय व्यापार को भी चालू रखते हैं।
इन सभी तत्वों को मिलाकर हम देखते हैं कि "दिवाली आर्थिक प्रभाव दिखाती है", "दिवाली खरीदारी को बढ़ावा देती है", और "रिवाज संस्कृति को समृद्ध करते हैं" – यही तीन मुख्य semantic triples इस लेख की नींव हैं। जब आप तिथियों, मुहूर्त, धन‑लाभ और रिवाज को एक‑साथ समझेंगे, तो दीवाली की तैयारियां आसानी से पूरी होंगी। हमारे पास पूरे कैलेंडर, प्रमुख मुहूर्त, और विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए व्यापारिक टिप्स भी हैं, इसलिए आगे पढ़ते रहें।
नीचे आप पाएंगे 2025 की दीवाली कैलेंडर, प्रमुख मुहूर्त की सूची, रिवाजों के विस्तृत विवरण और आर्थिक असर से जुड़े सुझाव। चाहे आप शॉपर हों, व्यापारी हों या सिर्फ त्यौहार की तैयारी करना चाहें, यहाँ सब कुछ एक ही जगह पर मिलेगा। चलिए, दीवाली के हर पहलू को करीब से देखते हैं।
नई दिल्ली की वायु गुणवत्ता दिवाली के बाद गम्भीर रूप से गिर गई है, जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 900 के ऊपर पहुंच गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से साथ ही यह प्रदूषण का स्तर सात गुना ज्यादा है। अधिकारियों के द्वारा पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन इसके बावजूद पर्यावरणीय संकट को नजरअंदाज करते हुए लोग इनका इस्तेमाल करते हैं।