जब बात कांग्रेस, भारत की सबसे पुरानी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी, जिसका जन्म स्वतंत्रता संघर्ष में हुआ और जो आज भी सामाजिक व आर्थिक नीतियों में अहम भूमिका निभाती है. Also known as इंडियन नेशनल कांग्रेस, it continues to shape देश की दिशा. कांग्रेस के बिना भारतीय राजनीति की कहानी अधूरी है, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मूल स्तम्भ है।
कांग्रेस के इतिहास को समझने में स्वतंत्रता आंदोलन, १९१५‑१९४७ के बीच भारतीय जनता की आज़ादी के लिये संघर्ष का संदर्भ जरूरी है। इस आंदोलन में कांग्रेस ने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू जैसे राष्ट्रीय नेताओं को मंच दिया, जो बाद में देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने। इस प्रकार कांग्रेस "आज़ादी की आवाज़" से "लोकतंत्र की आवाज़" बन गई, जो आज भी संसद में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा को प्रभावित करती है।
आधुनिक दौर में कांग्रेस का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी भाजपा, भारतीय जन राष्ट्रीय पार्टी, जो २०१४ से केंद्र में सत्ता में है है। दोनों पार्टियों के बीच मतदाताओं का झुंड, नीति‑विचार और चुनावी रणनीतियों का अंतर स्पष्ट है। समान समय में दिल्ली विधानसभा, दिल्ली के विधानात्मक निकाय, जहाँ recent elections में कांग्रेस ने प्रमुख भूमिका निभाई भी राजनीति को नया मोड़ देती है। २०२५ की दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों जैसे जल आपूर्ति, शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया, जिससे दिल्ली की जनसंख्या में उसकी पकड़ फिर से मजबूत हुई।
इन प्रतिस्पर्धी माहौल में कांग्रेस ने "सहयोगी दल" और "पर्यायी गठबंधन" की रणनीति अपनाई। कई राज्य में छोटे सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर वह बहुचक्री वोट बैंक बनाना चाहती है। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी की बहुपक्षीय ताकत को तोड़ना और अॉक्सिलिएट पार्टियों के वोटों को इकट्ठा करके चुनावी जीत हासिल करना है। इस प्रकार की गठबंधन‑नीति कांग्रेस को नयी ऊर्जा देती है और युवा वर्ग को आकर्षित करती है।
भविष्य की राह में कांग्रेस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी की आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया, नेतृत्व का स्थायित्व, और युवा नेतृत्व को जगह देना प्रमुख बिंदु हैं। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि जब कांग्रेस अपने युवा नेताओं को प्रमुख मंच पर लाएगी, तो वह सोशल मीडिया, डिजिटल अभियानों और नई तकनीक का उपयोग करके बड़े पैमाने पर जनसंवाद स्थापित कर सकेगी। यही कारण है कि आज की राजनीति में डिजिटल मंच, प्रचार‑प्रसार और डेटाबेस‑ड्रिवन रणनीतियाँ कांग्रेस के लिये क़ीमती हथियार बन रही हैं।
नीचे आप कांग्रेस से जुड़ी ताज़ा खबरें, विश्लेषण और विभिन्न क्षेत्रों में उसके प्रभाव को लेकर लेखों की सूची पाएँगे। चाहे वह राष्ट्रीय स्तर पर चुनावी परिणाम हों, या राज्य स्तर पर गठबंधन की खबरें, इस संग्रह में हर पहलू को कवर किया गया है। पढ़ते‑जाते आप कांग्रेस की वर्तमान स्थिति, उसकी चुनौतियां, और भविष्य की संभावनाओं को गहराई से समझ पाएँगे।
रमाेश्वर लाल डूडी, बिखानेर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विपक्षी नेता की दो साल कोमा के बाद 4 अक्टूबर 2025 को मृत्यु, उनके निधन पर पार्टी के शीर्षतम नेताओं ने शोक व्यक्त किया।