Khasi Hills Archery Sports Association – तीरंदाजी में नई दिशा

When working with Khasi Hills Archery Sports Association, खासी पहाड़ों में स्थित एक गैर‑सरकारी खेल संस्था है जो तीरंदाजी को लोकप्रिय बनाने पर काम करती है. Also known as KHASA, it coordinates tournaments, training camps, and equipment distribution. तीरंदाजी, एक परम्परागत शौक जिसमें धनुष‑बाण से लक्ष्य को मारना शामिल है को स्थानीय युवाओं में लाने का यह प्रमुख प्रयास है। साथ ही खासी पहाड़, मेघालय राज्य के ऊँचे विरासत स्थल, जहाँ सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य घनिष्ठ जुड़े हैं का भौगोलिक लाभ प्रशिक्षण मैदानों के रूप में उपयोग किया जाता है। इस टैग पेज के नीचे आप इस संघ से जुड़ी विभिन्न समाचार, इवेंट रिपोर्ट और विकास योजनाएँ देखेंगे।

मुख्य उद्देश्य और कार्यक्षेत्र

Khasi Hills Archery Sports Association तीरंदाजी को स्कूल‑कॉलेज स्तर पर प्रवेश कराता है, इसलिए स्थानिक स्कूलों में नियमित अभ्यास सत्र आयोजित करता है। यह संघ राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय तीरंदाजी महासंघ, देश की प्रमुख तीरंदाजी नियामक संस्था जो राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ और चयन प्रक्रिया संभालती है के साथ मिलकर चयन कार्य तेज़ करता है। संघ का एक बड़ा लक्ष्य है कि हर गाँव में कम से कम एक तीरंदाजी खण्ड स्थापित हो, जिससे ग्रामीण बच्चे भी इस खेल में भाग ले सकें। इस प्रयास में स्थानीय धातु कारीगरों की मदद से परम्परागत धनुष‑तीर बनाना और साथ ही आधुनिक कंपोजिट बाणों की आपूर्ति शामिल है।

समय‑समय पर KHASA राज्य‑स्तरीय मेले, फ्री‑एरोइंग डेमो और युवा प्रतिभा शिविर आयोजित करता है। इन इवेंट्स में भाग लेने वाले अधिकांश युवा अपनी पहली बार बाण चलाते हैं और तुरंत उत्साह महसूस करते हैं। संघ ने पिछले दो साल में 15 स्कूलों में तीरंदाजी क्लास शुरू की हैं, और अब हर महीने कम से कम दो प्रतियोगिताएँ आयोजित होती हैं। इससे स्थानीय प्रतिभा राष्ट्रीय मंच पर भी पहचान बना रही है।

एक और महत्वपूर्ण पहल है महिला शूटरों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम। खासी पहाड़ के कई गांवों में महिलाओं ने पहले नहीं सोचा था कि बाण चलाना उनके लिए संभव हो सकता है, पर अब वे प्रतियोगिता जीत रही हैं। संघ ने महिला‑विशेष कोचिंग सत्र, सुरक्षा उपकरण और पोषण सलाह भी प्रदान की है। परिणामस्वरूप पिछले सीज़न में महिलाओं की भागीदारी 40 % से बढ़ कर 68 % तक पहुंच गई।

खासी पहाड़ का हवादार और हरे‑भरे वातावरण तीरंदाजी के लिये प्राकृतिक लक्ष्य सुविधा प्रदान करता है। ऊँचे क्षेत्रों में हवा की गति और दिशा का बजट‑आधारित मापक से परिक्षण किया जाता है, जिससे सटीक शॉटिंग तकनीक विकसित हो सके। यह भौगोलिक लाभ ही नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय की सहयोगी भावना भी इस खेल को और मजबूत बनाती है।

संघ की दीर्घकालिक योजना में एक प्रोफेशनल आर्करी क्लब बनाना शामिल है, जहाँ खिलाड़ी साल भर प्रशिक्षण ले सकें। इस क्लब में डिजिटल स्कोरिंग सिस्टम, हाई‑टेक बायो‑मैकेनिकल बाण और विशिष्ट लक्सरी एरीना होगा। साथ ही, भारतीय तीरंदाजी महासंघ के साथ साझेदारी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच को आमंत्रित कर विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा।

वर्तमान में KHASA के पास 150 से अधिक प्रमाणित कोच हैं, जिनमें से 30 महिला कोच भी शामिल हैं। वे स्वयं विश्व मानकों के अनुसार प्रशिक्षण कोड तैयार कर रहे हैं, जिससे खेल के नियमों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। कोचिंग सत्रों में शारीरिक फिटनेस, आध्यात्मिक ध्यान और शॉट की सटीकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

भविष्य में संघ स्थानीय कंपनियों और गैर‑सरकारी संगठनों से प्रायोजन लेकर उपकरणों की लागत कम करना चाहता है। इससे अधिक से अधिक विद्यार्थी बिना आर्थिक दबाव के इस खेल में भाग ले सकेंगे। साथ ही, ऑनलाइन ट्यूटोरियल और वीडियो लाइब्रेरी बनाकर दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस तरह का डिजिटल विस्तार तीरंदाजी को राष्ट्रीय स्तर पर एक लोकप्रिय खेल बनाने में मदद करेगा।

अब आप नीचे दी गई सूची में विभिन्न लेख और अपडेट देखेंगे जो इस संघ की नई पहल, प्रतियोगिताओं के परिणाम, और शूटरों की व्यक्तिगत कहानियों को कवर करते हैं। इन लेखों से आपको तीरंदाजी के विभिन्न पहलुओं का गहरा ज्ञान मिलेगा और यह समझ में आएगा कि Khasi Hills Archery Sports Association कैसे भारतीय खेल परिदृश्य को आकार दे रहा है।

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