जब हम बात करते हैं प्रधानमंत्री मोदी, भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री, जिसका कार्यकाल 2014 से चल रहा है. भी कहा जाता है नरेंद्र मोदी, तो यह समझना ज़रूरी है कि उनका निर्णय कैसे राष्ट्रीय दिशा तय करता है। यह बदलाव भारतीय राजनीति, देश की शासन प्रणाली और चुनावी प्रक्रिया और आर्थिक सुधार, निवेश, कर और श्रम नीतियों में परिवर्तन के सन्दर्भ में देखा जाता है।
हम सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के तहत भारत ने कई प्रमुख नीतियों को लागू किया है: डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान। इनके साथ ही स्वास्थ‑सेवा, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे में तेज़ी से बदलाव आया है। इससे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में भी फर्क महसूस करने को मिलता है – चाहे वह छोटे शहरों में नई स्वच्छता सुविधाएँ हों या बड़े शहरों में तेज़ इंटरनेट कनेक्टिविटी।
राष्ट्र के प्रमुख उत्सवों में भी प्रधानमंत्री मोदी का प्रभाव स्पष्ट है। जैसे 2025 की दीवाली, जहाँ राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और सांस्कृतिक असर के साथ बड़े‑पैमाने पर सुरक्षा उपाय लागू किए गए। इस तरह के कार्यक्रमों में सरकार की भूमिका को समझना विदेशी नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति के दिशा‑निर्देशन से जोड़ना उपयोगी है, क्योंकि विदेश में भारतीय व्यापारियों और प्रवासियों की सुरक्षा भी इस नीति का हिस्सा है।
अभी कुछ हफ्ते पहले US‑China व्यापार तनाव ने भारतीय शेयर बाजार को हिलाया था। इस पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया और आर्थिक सलाह ने निवेशकों को भरोसा दिलाया। Sensex और Nifty की हलचल को देखते हुए, यह स्पष्ट हो जाता है कि विदेशी नीति और आर्थिक सुधार आपस में जुड़े हुए हैं – एक मजबूत विदेश नीति का असर सीधे राष्ट्रीय आर्थिक स्थिरता पर पड़ता है।
खेल और संस्कृति के क्षेत्र में भी मोदी सरकार ने पहल की है। उदाहरण के तौर पर, भारत‑इंग्लैंड महिला क्रिकेट श्रृंखला और एशिया कप 2025 के दौरान कई नई पहलें लागू हुईं, जिससे खेल बुनियादी ढाँचा सुधरा और खिलाड़ियों को बेहतर समर्थन मिला। इन पहलों के पीछे सरकार की योजना है कि युवा ऊर्जा को राष्ट्रीय गर्व के साथ जोड़ कर एक सकारात्मक सामाजिक प्रभाव पैदा किया जाए।
तकनीकी क्षेत्र में सरकारी समर्थन भी बढ़ा है। पिछले महीने YouTube की व्यापक आउटेज ने डिजिटल सेवाओं की निर्भरता को उजागर किया, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने की बातें दोहराईं। यह संकेत देता है कि जब भी तकनीकी बाधा आती है, सरकार को तुरंत समाधान की दिशा में कदम उठाना चाहिए – एक विचार जो डिजिटल इंडिया के लक्ष्य के साथ मेल खाता है।
धर्मिक और सामाजिक आयोजनों में भी मोदी सरकार की नज़र रहती है। करवा चौथ, दिवाली और अन्य त्योहारों के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर योजनाएँ बनायीं जाती हैं। इससे न केवल सामाजिक एकता बढ़ती है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों को भी फायदा पहुँचता है।
साक्षरता और शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय बदलाव आए हैं। नई श्रम नीतियों और कौशल विकास कार्यक्रमों ने ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों को रोजगार के नए अवसर दिए हैं। जब रोजगार की बात आती है, तो सरकारी योजनाओं का सीधा संबंध आर्थिक सुधारों से है – क्योंकि अधिक रोजगार से कर राजस्व बढ़ता है और सामाजिक समृद्धि आती है।
पहले से ही चर्चा में रहे सरकारी परियोजनाओं जैसे LG Electronics India का IPO, SpiceJet की रिकॉर्ड लाभ और Sun Pharma की FDA जांच, सभी को प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन से जोड़ा जा सकता है। इन कंपनियों के सफलतापूर्ण कदम राष्ट्रीय आर्थिक वृद्धि के एक हिस्से के रूप में देखे जा सकते हैं।
समाज में बदलते विचारधारा, नए विचार और नई तकनीकी प्रगति को संभालने के लिए, मोदी सरकार ने कई प्रायोगिक पहलें शुरू की हैं – जैसे आयकर रिटर्न फॉर्म को सरल बनाना, जिससे आम आदमी को टैक्स फाइल करने में आसानी हो। ये छोटे‑छोटे कदम बड़े बदलाव की ओर ले जाते हैं और दर्शाते हैं कि नीति‑निर्माण में निरंतर सुधार की जरूरत है।
इन सभी पहलुओं को देखते हुए, यह टैग पेज आपको उन समाचारों और विश्लेषणों का एक संग्रह देगा जो प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल, उनकी नीतियों और भारत पर उनके प्रभाव को विभिन्न दृष्टिकोणों से दर्शाते हैं। चाहे वह आर्थिक आंकड़े हों, विदेशी संबंध हों या सामाजिक पहल, आप यहाँ एक ही जगह पर सारी जानकारी पा सकते हैं।
अब नीचे दी गई सूची में आप देखेंगे कि भारत की वर्तमान दिशा को कैसे विभिन्न क्षेत्र – राजनीति, अर्थव्यवस्था, तकनीक और संस्कृति – shaping कर रहे हैं, और किस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के फैसले इन बदलावों के केंद्र में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जनवरी 2025 को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने राजघाट पर एक समारोह में भाग लिया और सोशल मीडिया पर एक संदेश साझा किया। यह दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जब लोग गांधी जी और भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को याद करते हैं। महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली के बिरला हाउस में की थी।