When working with पूजा मुहूर्त, वह समय होता है जब ग्रहों की स्थिति से धार्मिक कार्यों में सफलता की सम्भावना बढ़ती है. Also known as शुभ मुहूर्त, it guides millions to plan इच्छित कार्य.
इसका सबसे करीब संबंध शुभ तिथि, किसी भी पूजा या संस्कार के लिए ग्रहों की अनुकूल स्थिति को दर्शाता है से है। हम अक्सर कहते हैं, "शुभ तिथि पर ही पूजा मुहूर्त फलदायक होती है" – यहाँ दो तत्व आपस में जुड़ते हैं: शुभ तिथि निर्धारित करती है कि कौन‑सा दिन पूजा के लिए अनुकूल है, जबकि पूजा मुहूर्त उस दिन के विशेष समय‑क्षण को चिह्नित करता है। यदि तिथि सही है लेकिन मुहूर्त नहीं, तो लाभ कम हो सकता है; और उल्टा भी सत्य है।
एक तिथि तय करने के लिये हमें पंचांग, भारतीय कैलेंडर का विस्तृत संस्करण जहाँ तिथियों, नक्षत्रों और योगों की जानकारी होती है की जरूरत पड़ती है। पंचांग बताता है कि कौन‑सा नक्षत्र, कौन‑सा योग, और कौन‑सा क़ियत दिन पर है। इन तीनों में से कोई भी घटक अगर असंतुलित हो तो पूजा का फल प्रभावित हो सकता है। इसलिए कई अभ्यासकर्ता कहते हैं, "पंचांग के बिना पूजा मुहूर्द निर्धारित नहीं किया जा सकता" – यह एक स्पष्ट कारण‑परिणाम संबंध बनाता है।
जब हम व्यक्तिगत भौगोलिक स्थितियों को जोड़ते हैं, तो अंक ज्योतिष, जोतिष का वह भाग जहाँ जन्मांक या मूलांक के आधार पर शुभ समय निकाला जाता है एक अहम भूमिका निभाता है। अंक ज्योतिष के अनुसार, हर अंक का अपना ग्रह संबंध और प्रभाव होता है, जो पूजा मुहूर्त को और भी विशिष्ट बना देता है। उदाहरण के तौर पर, मूलांक 4 वाले लोग सूर्य‑गुरु के सहयोग से 12 अक्टूबर को लाभ देखेंगे, जैसा कि हाल‑हाल में प्रकाशित आँकड़े दिखाते हैं। यहाँ हम एक अतिरिक्त त्रिपक्षीय संबंध देखते हैं: अंक ज्योतिष पूजा मुहूर्त को प्रभावित करता है, जबकि पंचांग और शुभ तिथि इसे व्यवस्थित रूप से समर्थन देते हैं।
इन सभी तत्वों को जोड़ते हुए, हम कई वास्तविक जीवन के उदाहरण देख सकते हैं – जैसे दीवाली 2025 के लिए निर्धारित मुहूर्त, जहाँ तिथि 18‑23 अक्टूबर के बीच थी, और शुभ समय ने व्यापार‑आधारित पूजा को धनी बनाय़ा। इसी तरह, 12 अक्टूबर को मूलांक 4 वाले लोगों के लिये शुभ समय ने निवेश‑संबंधी कार्यों में वृद्धि की। इन कहानियों से यह स्पष्ट होता है कि पूजा मुहूर्त सिर्फ एक समय नहीं, बल्कि कई खगोलीय, कैलेंडरिक और व्यक्तिगत कारकों का संगम है।
अब आप जानते हैं कि पूजा मुहूर्त चुनते समय किन‑किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है। नीचे आप विभिन्न तिथियों, नक्षत्रों और अंक‑ज्योतिष के अनुसार तैयार किए गए लेखों की सूची पाएँगे, जिससे आप अपने अगले धार्मिक कार्य को सही समय‑परिणाम के साथ प्लान कर सकेंगे। तैयार हो जाइए, क्योंकि सही मुहूर्त आपके प्रयासों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की कुंजी है।
10 अक्टूबर को मनाया गया करवा चौथ 2025, जहां दिल्ली‑मुंबई सहित प्रमुख शहरों में चाँद उठने के सटीक समय और पूजा मुहूर्त की तालिका प्रकाशित हुई। महिलाओं ने निरझला व्रत रखकर अपने पतियों की लंबी आयु की कामना की।