जब हम राजनीति, देश और विश्व में सत्ता, नीति, चुनाव और सार्वजनिक चर्चा को समझने का क्षेत्र की बात करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इसका असर हर रोज़ की ज़िंदगी पर पड़ता है। इसे अक्सर पॉलिटिक्स कहा जाता है, लेकिन भारत में यह राजनीति, सामाजिक संगठनों और आर्थिक निर्णयों के बीच जुड़ाव को दर्शाती है। इस पृष्ठ पर आप देखेंगे कि कैसे चुनाव, जनता की राय को सरकारी शक्ति में बदलने की प्रक्रिया और सरकार, कानून, नीति और प्रशासनिक कार्यों का संचालन करने वाला संस्थान आपस में उलझे हैं, और कैसे नीति, राज्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निर्धारित दिशा‑निर्देश इन दोनों को रूप देती है।
आइए इस बात को तीन प्रमुख त्रिपुटी (Subject‑Predicate‑Object) में तोड़ें: 1) राजनीति समावेश करती है चुनाव; 2) चुनाव निर्धारित करते हैं सरकार की मौजुदा शक्ति; 3) सरकार लागू करती है नीति। इन कनेक्शन को समझना जरूरी है क्योंकि यही राजनीति के धारणात्मक ढाँचे को बनाते हैं। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली में BJP की बड़ी जीत (2025) ने दर्शाया कि राजनीति में पार्टी की छवि, प्रचार रणनीति और स्थानीय मुद्दे कितने महत्वपूर्ण हैं। वही समय, US‑China ट्रेड वॉर जैसी अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक टकराव ने भारतीय स्टॉक्स को प्रभावित किया, जिससे बाजार‑नीति पर नया दृष्टिकोण मिला।
अब बात करते हैं उन विशिष्ट एंटिटीज़ की जो हमारे लेख संग्रह में बार‑बार उभरती हैं। चुनाव केवल मतदान नहीं, बल्कि अभ्यर्थियों के मंच, मतदाताओं की अपेक्षाएँ और मीडिया की भूमिका को भी शामिल करता है। सरकार के तहत केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों के फैसले होते हैं—जैसे RBI का बैंक छुट्टी ऐलान या CBDT की आयकर रिटर्न आसान बनाने की पहल। नीति के दो बड़े वर्ग हैं: आर्थिक नीति (जैसे US‑China टैरिफ) और सामाजिक नीति (जैसे दीवाली छुट्टियों की घोषणा)। अंत में बजट भारत की वित्तीय दिशा तय करता है; यह अक्सर राजनीति के सबसे गरम मुद्दों में से एक रहता है, क्योंकि हर पार्टी अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर विभिन्न क्षेत्रों को फंडिंग देती है।
इन एंटिटीज़ को जोड़ते हुए हम देख सकते हैं कि 2025 के विभिन्न घटनाएँ—जैसे BJP की दिल्ली में वापसी, RBI की अवकाश नीति, या CBDT की टैक्स फॉर्म सुधार—एक ही राजनीतिक ekosystem में कैसे इंटरैक्ट करती हैं। इस इंटरैक्शन को समझने से पाठक न सिर्फ समाचार पढ़ पाएंगे, बल्कि राजनीतिक प्रक्रियाओं की बारीकियों को भी देख पाएंगे। इस पृष्ठ पर आपको इस तरह के कई लेख मिलेंगे, जहाँ हम चुनाव के परिणामों की डीप‑डाइव, सरकारी घोषणाओं के असर, और नीति‑निर्धारण की प्रक्रिया को सहज भाषा में समझाते हैं।
आगे नीचे दी गयी सूची में, आप विभिन्न समय‑सीमा और विषय‑के आधार पर वर्गीकृत लेख पाएँगे—चाहे वह दिल्ली में चुनाव की लड़ाई हो, या अंतरराष्ट्रीय व्यापार टकराव का भारतीय बाजार पर प्रभाव। इन संसाधनों को पढ़कर आप अपनी समझ को गहरा कर सकते हैं, और अगली बार जब कोई नई राजनीतिक खबर आए, तो आप उसका विश्लेषण खुद कर सकेंगे। अब नीचे उन लेखों की ओर आगे बढ़ते हैं जो आपको राजनीति की पूरी तस्वीर पेश करेंगे।
रमाेश्वर लाल डूडी, बिखानेर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विपक्षी नेता की दो साल कोमा के बाद 4 अक्टूबर 2025 को मृत्यु, उनके निधन पर पार्टी के शीर्षतम नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
तमिल सिनेमा के सुपरस्टार विजय के नए राजनीतिक दल तमिझगा वेत्री कझगम (टीवीके) की पहली सार्वजनिक सभा विक्रवंडी में आयोजित हो रही है। विजय इस सभा में अपनी राजनीतिक दृष्टि और एजेंडा प्रस्तुत करेंगे। उनके राजनीतिक प्रवेश से तमिलनाडु की राजनीति और दिलचस्प हो गई है, खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में।
थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री थक्सिन शिनावात्रा की 37 वर्षीय बेटी पैतोंग्टार्न शिनावात्रा थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। यह पद संभालने वाली वह दूसरी महिला हैं, उनकी चाची इंगलक शिनावात्रा के बाद। उनका चुना जाना थाईलैंड की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत को दर्शाता है।
राहुल ममकोत्तथिल ने हाल ही में सार्वजनिक तौर पर असीफ अली को समर्थन दिया है। यह खबर 16 जुलाई, 2024 को रिपोर्ट की गई थी और इसमें दोनों व्यक्तियों के बीच बढ़ती एकता को उजागर किया गया है। राहुल ममकोत्तथिल का असीफ अली का समर्थन एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, हालांकि इस समर्थन के पीछे के सटीक कारण और प्रभाव स्पष्ट रूप से नहीं बताए गए हैं।