जब आप वैश्विक व्यापार, दुनिया भर में वस्तुओं, सेवाओं और पूँजी के आदान‑प्रदान को कहते हैं. Also known as इंटरनॅशनल ट्रेड, it देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव बनाता है और कई उद्योगों की दिशा तय करता है. यही कारण है कि इस टैग के नीचे मिलने वाले लेख आपको बाजार की चाल, नीति‑परिवर्तन और निवेश के विकल्पों का पूरा चित्र देते हैं।
एक प्रमुख उदाहरण है अमेरिका‑चीन व्यापार युद्ध, दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टैरिफ‑लड़ाई। इस संघर्ष ने न केवल दोनों देशों के शेयर मार्केट को हिलाया, बल्कि निप्पी, जेटी और कई भारतीय निर्यातकों की आय पर भी असर डाला। इसलिए जब हम वैश्विक व्यापार की बात करते हैं, तो टैरिफ नीति का प्रभाव अनदेखा नहीं किया जा सकता।
भारत में सेन्सेक्स, सेंसेक्स 30 कंपनियों का प्रमुख शेयर सूचकांक अक्सर वैश्विक व्यापार की धड़कन को दर्शाता है। जब बाहरी माँग बढ़ती है, तो निर्यात‑उद्योग के स्टॉक्स में तेजी आती है और सेन्सेक्स की बढ़ोतरी होती है। इसी तरह, निर्यात‑उद्योग, ऐसे उद्योग जो विदेशी बाजारों में सामान बेचते हैं को विदेशी मुद्रा की बढ़ोतरी, नीति समर्थन और फ्री ट्रेड समझौतों (FTA) से बड़ा लाभ मिलता है।
इसी संदर्भ में मुक्त व्यापार समझौता (FTA), दो या अधिक देशों के बीच टैरिफ घटाने या हटाने का अनुबंध एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। जब भारत ने नए FTA साइन किए, तो टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल और ऑटो पार्ट्स जैसी सेक्टर्स ने ऑर्डर बूम देखा। इस वजह से निवेशकों को बार‑बार ये सलाह मिलती है – “सेन्सेक्स और निर्यात‑उद्योग पर नज़र रखें, खासकर जब नया FTA लागू हो”।
हमारे लेखों में आप देखेंगे कैसे US‑China के टैरिफ विषय ने भारतीय शेयरों को 173 अंक नीचे लाया, और साथ ही फिएओ के राष्ट्रीय स्तर पर निर्यातकों को मिल रहे अवसरों की चर्चा। इसी तरह, कुछ ख़ुशख़बरें जैसे LG Electronics India का बड़ा IPO और SpiceJet की रिकॉर्ड लाभ भी वैश्विक व्यापार की प्रवृत्तियों से जुड़ी हुई हैं। इन सभी मामलों में एक सामान्य पैटर्न दिखता है – “अंतरराष्ट्रीय नीति, स्थानीय बाजार और कंपनी‑स्तर की चालें एक साथ मिलकर व्यापार माहौल बनाती हैं।”
अब आप तैयार हैं इस टैग में संकलित विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए। नीचे दिए गये लेखों में ताज़ा अद्यतन, विशेषज्ञ विश्लेषण और संभावित रणनीतियों का विस्तृत संग्रह है, जो आपके व्यापार या निवेश निर्णयों को सटीक बनाते हैं। आइए, देखते हैं क्या क्या खबरें आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
रतन टाटा, टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और भारतीय व्यापार जगत के दिग्गज, 86 वर्ष की आयु में मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने टाटा ग्रुप को लगभग 100 कंपनियों का विशाल साम्राज्य बनाया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी विनम्रता और परोपकार को सराहा। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी उनकी व्यावसायिक और परोपकारी उपलब्धियों की तारीफ की।