वायु गुणवत्ता: परिभाषा, मापदण्ड और जीवन पर असर

जब हम वायु गुणवत्ता, वायुमंडल में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा और उनके मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर प्रभाव का समग्र मूल्यांकन, Also known as वायु प्रदूषण स्तर की बात करते हैं, तो अक्सर दो शब्द सामने आते हैं: AQI, Air Quality Index, यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक, जो विभिन्न प्रदूषकों को एक स्कोर में बदलता है और PM2.5, वायु में मौजूद 2.5 माइक्रॉन से छोटे कण, जो श्वसन तंत्र को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। इन दो मापदण्डों के बिना वायु गुणवत्ता का सटीक आकलन अधूरा रहता है। उदाहरण के तौर पर, यदि AQI 150 से ऊपर हो, तो यह ‘अस्वस्थ’ श्रेणी में आता है और PM2.5 का स्तर 35 µg/m³ से अधिक होने पर स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाता है। यह साधारण संबंध हमें बताता है कि वायु गुणवत्ता को मापने के लिए AQI आवश्यक है और PM2.5 वायु गुणवत्ता को खराब करता है

स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव

वायु गुणवत्ता का बुरा होना सिर्फ आँकड़े‑किस्म के नहीं होते, बल्कि इसका असर सीधे हमारे शरीर पर पड़ता है। जब धुएँ (स्मोक) या औद्योगिक उत्सर्जन हवा में मिलते हैं, तो वे श्वसन रोग, हृदय‑धमनियों की समस्याएँ और यहाँ तक कि कैंसर का जोखिम बढ़ा देते हैं। यही कारण है कि धुएँ, धुएँ या स्मोक, जो जलने वाले ईंधन या औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकलता है को वायु गुणवत्ता के प्रमुख घटक माना जाता है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में ट्रैफ़िक जाम और निर्माण कार्य भी PM10, NO₂ और SO₂ जैसे प्रदूषकों को बढ़ाते हैं, जिससे शहरी वायु प्रदूषण की समस्या गहरी होती जाती है। स्वास्थ्य पर सीधा असर देखें तो, एक सामान्य सर्दी भी खराब वायु गुणवत्ता में तेज़ी से बिगड़ सकती है, जबकि एलीवेटेड AQI वाले दिन विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और धूम्रपान करने वालों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जाती है।

वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार, उद्योग और आम नागरिकों को मिलकर कदम उठाने पड़ते हैं। नीति स्तर पर, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत उत्सर्जन मानकों को कड़ा करने, हरित ऊर्जा अपनाने और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के उपाय शामिल हैं। घर में लोग एयर प्यूरीफ़ायर, पौधे लगाकर और धूम्रपान बंद करके व्यक्तिगत स्तर पर योगदान दे सकते हैं। जबकि विज्ञान यह दिखा रहा है कि पेड़‑पौधे ठोस कणों को पकड़ते हैं, और सही वेंटिलेशन इनडोर प्रदूषकों को कम करता है। इस तरह, स्वास्थ्य पर प्रभाव वायु गुणवत्ता से घनिष्ठ है और सुधार के हर छोटे‑छोटे कदम का बड़ा महत्व है।

अब आप समझ चुके होंगे कि वायु गुणवत्ता सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक जटिल प्रणाली है जिसमें AQI, PM2.5, धुएँ और स्वास्थ्य प्रभाव आपस में जुड़े हुए हैं। नीचे दिए गए लेखों में आपको नवीनतम रिपोर्ट, शहर‑वार वायु मान, स्वास्थ्य सलाह और सरकारी नीतियों की जानकारी मिलेगी। चाहे आप अपने दैनिक रहने के माहौल को बेहतर बनाना चाहते हों या पर्यावरण से जुड़ी नई खबरें पढ़ना चाहते हों, यहाँ की सामग्री आपके सवालों के जवाब देती है। आइए, आगे पढ़ें और वायु गुणवत्ता से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी को अपनी राह में लाएँ।

दिल्ली में दिवाली पर पटाखों से भयानक धुंध, वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरे के निशान पर

दिल्ली में दिवाली पर पटाखों से भयानक धुंध, वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरे के निशान पर

नई दिल्ली की वायु गुणवत्ता दिवाली के बाद गम्भीर रूप से गिर गई है, जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 900 के ऊपर पहुंच गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से साथ ही यह प्रदूषण का स्तर सात गुना ज्यादा है। अधिकारियों के द्वारा पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन इसके बावजूद पर्यावरणीय संकट को नजरअंदाज करते हुए लोग इनका इस्तेमाल करते हैं।