जब बात राष्ट्रीय सेवा की आती है, तो सबसे पहले दिमाग में UPSC, संघ लोक सेवा आयोग, भारत सरकार का मुख्य परीक्षण निकाय, जो विभिन्न प्रतिष्ठित सिविल सेवा पदों के लिए चयन करता है. Also known as संघ लोक सेवा आयोग, यह परीक्षा हर साल लाखों उम्मीदवारों को आकर्षित करती है और सरकारी नौकरी की तलाश में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गई है.
UPSC सिर्फ एक ही परीक्षा नहीं है; यह एक पूरी एंजेजमेंट है जिसमें NDA, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, जो भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए अधिनायक योग्यता प्रदान करती है और CDS, केंद्रीय रक्षा सेवा परीक्षा, जो सशस्त्र बलों के अधिकारी वर्ग में प्रवेश के द्वार को खोलती है जैसे जुड़े परीक्षणों को भी संचालित करती है। इन दो परीक्षाओं के पैटर्न, सिलेबस और मेरिट प्रणाली UPSC के मुख्य परीक्षा (CSE) से अलग हैं, लेकिन दोनों ही सिविल सेवा के व्यापक परिदृश्य में अपना स्थान रखती हैं।
UPSC तीन चरणों में अपना चयन प्रक्रिया चलाती है: प्राथमिक परीक्षा (Preliminary), जिसका उद्देश्य उम्मीदवारों का बुनियादी ज्ञान अँकना है; फिर मुख्य परीक्षा (Mains), जहाँ विस्तारित उत्तर लेखन द्वारा गहरी समझ का आकलन किया जाता है; और अंत में साक्षात्कार (Interview), जिसमें व्यक्तित्व, नेतृत्व, और निर्णय‑निर्धारण क्षमताओं का परीक्षण होता है। इस त्रि‑आध्यायीय ढाँचे के कारण ही UPSC को भारत की सबसे कठोर और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है। जब हम NDA और CDS की बात करते हैं, तो देखें कि ये दोनों परीक्षाएँ भौगोलिक और शारीरिक शर्तों की भी मांग करती हैं, जबकि UPSC में शैक्षणिक और विश्लेषणात्मक क्षमता पर अधिक ज़ोर दिया जाता है। इस वजह से कई उम्मीदवार दोनों रास्तों को मिलाकर अपनी कैरियर प्लान बनाते हैं—कभी रक्षा सेवा, कभी सिविल सेवा। इस प्रकार, UPSC और उसके संबंधित परीक्षण एक बड़े ek ecosystem का हिस्सा हैं, जहाँ हर परीक्षा का अपना उद्देश्य और कंपनी भूमिका है। UPSC के अलावा भी कई सहायक संस्थाएँ इस प्रक्रिया को सपोर्ट करती हैं—जैसे प्रकाशन संस्थान, जिन्हें सिलेबस, मॉडल पेपर और पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र प्रकाशित करने का काम सौंपा जाता है और कोचिंग संस्थाएँ, जो रणनीतिक पाठ्यक्रम और टॉप‑रैंकर्स की टिप्स प्रदान करती हैं। ये इकाइयाँ उम्मीदवारों को सामग्री, टाइम‑टेबल और मॉक टेस्ट जैसी सपोर्ट सर्विसेज़ देती हैं, जिससे उनकी तैयारी का स्तर ऊँचा उठता है। UPSC के लिए तैयारी करते समय कई मुख्य बिंदु होते हैं: सिलेबस को समझना, स्थिर टाइम‑टेबल बनाना, नियमित रिवीजन करना, और मॉक टेस्ट से समय प्रबंधन को प्रैक्टिस करना। साथ ही, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की समझ, विश्लेषणात्मक लेखन कौशल और नैतिकताी दायित्व को भी उतनी ही एहमियत दी जानी चाहिए। यही कारण है कि दैनिक समाचार इंडिया जैसे पोर्टल पर इस टैग के तहत आपको विभिन्न प्रकार के लेख मिलेंगे—परिचयात्मक गाइड, एक्सपर्ट टिप्स, नई परीक्षा घोषणा और पिछले साल के ट्रेंड्स। इन लेखों को पढ़ते हुए आप न सिर्फ UPSC के विभिन्न चरणों को समझ पाएंगे, बल्कि NDA और CDS की नवीनतम नोटिफिकेशन, परीक्षा तिथियों, निर्धारित केंद्रों (जैसे ग्रेटर नोएडा) और चयन प्रक्रिया के विस्तृत विवरण भी प्राप्त करेंगे। इससे आप अपने लक्ष्य के प्रति एक स्पष्ट रोडमैप बना पाएंगे, चाहे आप सिविल सेवा के लिए लक्ष्य रख रहे हों या रक्षा बलों में करियर बनाना चाहते हों। अब आप तैयार हैं कि इस पेज पर मौजूद सभी अपडेट, गाइड और विशेषज्ञ राय को पढ़ें—जो आपके जॉब सपनों को साकार करने में मददगार साबित होंगे। नीचे आप देखेंगे कि हमने कौन‑कौन से प्रमुख लेख एक साथ इकट्ठा किए हैं, ताकि आप आसानी से अपनी तैयारी के हर पहलू को कवर कर सकें.
1983 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति सूदन अगले वर्ष 1 अगस्त से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की नई अध्यक्ष का पदभार संभालेंगी। उन्होंने मनीष सोनी की जगह ली है, जिन्होंने इस महीने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया। सूदन ने जुलाई 2020 में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुई थीं और उनका कार्यकाल अप्रैल 2025 तक रहेगा। वह इस पद पर नियुक्त होने वाली दूसरी महिला हैं।