12 नवंबर, 2025 को भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा आईपीओ शुरू होने वाला है — टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया लिमिटेड का। यह कंपनी, जो ग्लोबल ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी जायंट टेन्नेको इंक की सहायक कंपनी है, 3,600 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की योजना बना रही है। लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण बात है: कंपनी खुद को कोई नया पैसा नहीं मिलेगा। पूरी राशि तो टेन्नेको मॉरीशस होल्डिंग्स जैसे मौजूदा शेयरधारकों के हाथों से बिकने वाले शेयरों की कीमत के रूप में जाएगी।
ग्रे मार्केट में जबरदस्त रुचि, शेयर ₹457 पर ट्रेड हो रहे
आईपीओ के शुरू होने से पहले ही बाजार में उत्साह देखने को मिल रहा है। 11 नवंबर को, अनलिस्टेड शेयर्स ग्रे मार्केट में ₹457 पर ट्रेड हो रहे थे — जबकि आईपीओ की ऊपरी कीमत सीमा ₹397 थी। यानी 15.1% का प्रीमियम! यह कोई साधारण बात नहीं। अगर आपको लगता है कि ग्रे मार्केट बस अफवाहों का खेल है, तो यह आंकड़ा बताता है कि निवेशक इस कंपनी को वास्तविक रूप से विश्वास दे रहे हैं। यह तो ऐसा है जैसे किसी ने आपको एक नया फोन खरीदने के लिए ₹50,000 बोला हो, और आपके दोस्त उसे ₹57,500 में बेच रहे हों — बिना उसे खोले हुए।
आईपीओ का तकनीकी विवरण: कौन क्या कर रहा है?
इस आईपीओ में 90,68,0101 शेयर बिक रहे हैं, जिनका अंकित मूल्य ₹10 है। न्यूनतम आवेदन आकार 37 शेयर है — यानी आपको कम से कम ₹14,742 जमा करने होंगे अगर आप ऊपरी कीमत पर खरीदना चाहते हैं। यह एक मेनबोर्ड आईपीओ है, एसएमई नहीं। बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स JM फाइनेंशियल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, एक्सिस कैपिटल और एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) हैं। रजिस्ट्रार एमयूएफजी इंटाइम इंडिया है।
शेयरों की सूचीबद्धता 19 नवंबर, 2025 को एनएसई और बीएसई दोनों पर होने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि आपके पास आईपीओ के बंद होने के तीन दिन बाद ही शेयर खरीदने का मौका होगा। यह अन्य नवंबर के आईपीओ — जैसे फिजिक्सवॉलह और पाइन लैब्स — के साथ एक बड़ी लहर बना रहा है।
कंपनी क्या करती है? और क्या जोखिम हैं?
टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया ऑटोमोटिव सेक्टर में क्लीन एयर टेक्नोलॉजी के लिए जानी जाती है — यानी कारों के इंजन से निकलने वाले धुएं को साफ करने वाले पार्ट्स। यह एक ऐसा बिजनेस है जो भारत में ई-मोबिलिटी और नियमों के कड़े होने के साथ बढ़ रहा है। लेकिन यहां एक बड़ा सवाल है: क्या यह बढ़ोतरी स्थायी है?
रेड हैरिंग प्रोस्पेक्टस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऑटोमोटिव सेक्टर में कोई भी नकारात्मक विकास — चाहे बिक्री में गिरावट हो, या सरकारी नियम बदल जाएं — इस कंपनी के लिए खतरा हो सकता है। यह एक ऐसी कंपनी है जो सीधे ऑटो बिक्री पर निर्भर है। अगर लोग कार नहीं खरीद रहे, तो यह बिक्री भी गिर जाएगी।
क्यों नहीं मिल रहा नया पैसा कंपनी को?
यही बात ज्यादातर लोगों को अजीब लग रही है। आईपीओ का मकसद तो कंपनी को फंड जुटाना होता है — नए प्लांट लगाने, डेट कम करने, रिसर्च में पैसा डालने के लिए। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। सब पैसा शेयरधारकों की जेब में जा रहा है। यह एक ऐसा आईपीओ है जैसे आपके दादा ने अपनी जमीन बेच दी, लेकिन आपके घर का बिजली बिल अभी भी बकाया है।
लेकिन यह आम बात नहीं है। बड़े वैश्विक निवेशक अक्सर अपनी निवेश की राशि वापस लेने के लिए आईपीओ का इस्तेमाल करते हैं। टेन्नेको इंक ने भारत में अपनी निवेश को सफलतापूर्वक एक्जिट करने का फैसला किया है। यह एक सकारात्मक संकेत है — अगर वैश्विक निवेशक यहां से निकल रहे हैं, तो शायद उन्हें लगता है कि अब यह बिजनेस अपने अधिकतम वैल्यू पर है।
क्या यह एक अच्छा निवेश है?
यह सवाल अभी भी खुला है। ग्रे मार्केट प्रीमियम तो बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन यह एक अस्थायी भावना हो सकती है। जब शेयर लिस्ट होंगे, तो बाजार का वास्तविक रिएक्शन दिखेगा। क्या यह कंपनी आगे भी लाभ देगी? क्या उसके उत्पाद भारत में ई-कार्स के बढ़ते बाजार के साथ बढ़ेंगे? या फिर यह एक ऐसा बिजनेस है जो अपने अधिकतम पर पहुंच चुका है?
एक बात तो स्पष्ट है — यह आईपीओ बाजार के लिए एक बड़ा टेस्ट है। अगर इसमें निवेशक भर जाते हैं, तो अगले कई आईपीओ भी अच्छी तरह से चलेंगे। अगर नहीं, तो नवंबर का बड़ा आईपीओ वाला मौसम अचानक ठंडा पड़ सकता है।
आईपीओ का समयसूची
- आईपीओ ओपन: 12 नवंबर, 2025
- आईपीओ क्लोज: 14 नवंबर, 2025
- शेयर लिस्टिंग: 19 नवंबर, 2025 (NSE और BSE)
- शेयर कीमत बैंड: ₹378 - ₹397
- न्यूनतम लॉट: 37 शेयर (₹14,742)
- ग्रे मार्केट प्राइस (11 नवंबर): ₹457
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया का आईपीओ क्यों अनोखा है?
यह आईपीओ अनोखा इसलिए है क्योंकि इसमें कंपनी को कोई नया पैसा नहीं मिल रहा। पूरा राशि टेन्नेको मॉरीशस होल्डिंग्स जैसे मौजूदा शेयरधारकों को मिल रहा है। यह एक ऑफर फॉर सेल (OFS) है, न कि फ्रेश कैपिटल रेजिंग। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब वैश्विक निवेशक अपना निवेश एक्जिट करना चाहते हैं।
ग्रे मार्केट प्रीमियम का मतलब क्या है और क्या यह विश्वसनीय है?
ग्रे मार्केट प्रीमियम यह दर्शाता है कि अनलिस्टेड शेयर्स कितने मूल्य पर अंधेरे बाजार में बिक रहे हैं। ₹457 की कीमत और ₹397 की ऊपरी सीमा के बीच 15.1% का अंतर बताता है कि निवेशक इस कंपनी में भरोसा कर रहे हैं। लेकिन यह अस्थायी हो सकता है — लिस्टिंग के बाद बाजार की वास्तविक प्रतिक्रिया ही निर्णय करेगी।
इस आईपीओ में निवेश करने से पहले क्या ध्यान रखें?
आपको ऑटोमोटिव सेक्टर की जोखिमों को समझना होगा — अगर कार बिक्री गिरती है, तो इस कंपनी का बिजनेस भी प्रभावित होगा। यह एक टेक्नोलॉजी कंपनी नहीं, बल्कि एक ऑटो कंपोनेंट्स निर्माता है। इसलिए आपको भारत में ऑटो बाजार के भविष्य पर विश्वास होना चाहिए। अगर आपको लगता है कि ई-कार्स की बढ़त अभी भी टिकेगी, तो यह एक अच्छा निवेश हो सकता है।
इस आईपीओ के लिए लीड मैनेजर्स कौन हैं और क्या उनकी भूमिका है?
JM फाइनेंशियल, सिटीग्रुप इंडिया, एक्सिस कैपिटल और एचएसबीसी सिक्योरिटीज इंडिया इस आईपीओ के बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स हैं। इनकी भूमिका है कि वे शेयरों की कीमत निर्धारित करें, निवेशकों को आकर्षित करें, और आईपीओ को सफलतापूर्वक लांच करें। ये कंपनियां भारत के सबसे विश्वसनीय फाइनेंशियल हाउसेस हैं, जिससे इस आईपीओ की विश्वसनीयता बढ़ती है।
क्या यह आईपीओ SME लिस्टिंग है?
नहीं, यह एक मेनबोर्ड आईपीओ है। SME लिस्टिंग्स आमतौर पर छोटी कंपनियों के लिए होती हैं जिनकी आय और बाजार पूंजीकरण कम होती है। टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया का आईपीओ ₹3,600 करोड़ का है, जो इसे बड़ी कंपनियों के वर्ग में रखता है। इसलिए इसके नियम और निवेशक आधार अलग हैं।
क्या यह आईपीओ भारतीय ऑटो सेक्टर के भविष्य का संकेत है?
हां, यह एक महत्वपूर्ण संकेत है। एक वैश्विक निवेशक जो अपना निवेश भारत में करता है और फिर आईपीओ के जरिए एक्जिट करता है, वह इस बाजार में लंबे समय तक विश्वास रखता है। यह दर्शाता है कि भारत में ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी, खासकर क्लीन एयर सिस्टम, भविष्य का बिजनेस है। अगर यह आईपीओ सफल होता है, तो और भी वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगी।
lakshmi shyam
नवंबर 22, 2025 AT 03:25ये आईपीओ तो बस शेयरधारकों को पैसा निकालने का नाटक है, कंपनी को तो एक रुपया नहीं मिल रहा। ऐसे में निवेश करना बेवकूफी है।
Sabir Malik
नवंबर 23, 2025 AT 00:39सुनो, मैं इस आईपीओ को बहुत गहराई से देख रहा हूँ। ग्रे मार्केट में 15% प्रीमियम तो बहुत बड़ी बात है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ये शेयर लिस्टिंग के बाद भी वैसे ही चलेंगे। अगर ऑटो सेक्टर में कोई गिरावट आ जाए, तो ये कंपनी जल्दी से गिर सकती है। लेकिन अगर ई-मोबिलिटी का ट्रेंड बना रहा, तो ये एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। मैं इसे थोड़ा रुककर देखूंगा, लेकिन इसमें निवेश करने की कोई बात नहीं।
Debsmita Santra
नवंबर 24, 2025 AT 17:28इस आईपीओ का असली मतलब यह है कि वैश्विक निवेशक भारत के ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी सेगमेंट में भरोसा करते हैं और अब अपना रिटर्न ले रहे हैं इसका मतलब यह नहीं कि ये बिजनेस खत्म हो गया बल्कि ये एक अच्छी तरह से चल रही इकाई है जिसे अब नए लोगों को देने का समय आ गया है और अगर आप ई-कार्स के भविष्य में विश्वास करते हैं तो ये एक बेहतरीन अवसर है जो आपको नहीं छोड़ना चाहिए
Shashi Singh
नवंबर 25, 2025 AT 10:19ये सब एक बड़ा फ्रॉड है!!! जानते हो क्या हो रहा है? टेन्नेको मॉरीशस होल्डिंग्स अपना पैसा निकाल रहा है और भारतीय छोटे निवेशकों को फंसा रहा है!! ये ग्रे मार्केट प्रीमियम? बस एक धोखा है जिसे बैंकर और फिनटेक कंपनियां चला रही हैं!! अगर ये आईपीओ लिस्ट होता है तो फिर वो शेयर 100 रुपये में आ जाएंगे!! ये एक बड़ा नियोन जाल है!!!
Narayana Murthy Dasara
नवंबर 26, 2025 AT 18:24अगर आपको लगता है कि आईपीओ का मतलब हमेशा नया पैसा जुटाना होता है तो आप थोड़ा अपडेट हो जाइए। ऑफर फॉर सेल बहुत आम बात है खासकर जब वैश्विक निवेशक अपना एक्जिट चाहते हैं। ये एक सकारात्मक संकेत है कि इस बिजनेस में अच्छी वैल्यू बन चुकी है। अगर आपको ऑटो सेक्टर में भरोसा है तो ये एक अच्छा विकल्प है।
Vasudha Kamra
नवंबर 26, 2025 AT 23:32ग्रे मार्केट प्रीमियम का अर्थ यह नहीं है कि शेयर लिस्टिंग के बाद भी इतना ऊपर रहेंगे। यह बाजार की भावनाओं का प्रतिबिंब है, न कि बुनियादी बातों का। इसलिए निवेश करने से पहले फंडामेंटल्स और रिस्क फैक्टर्स को ध्यान में रखना चाहिए।
Abhinav Rawat
नवंबर 28, 2025 AT 16:33इस आईपीओ को देखकर मुझे लगता है कि हम सभी एक बड़े सिस्टम के हिस्से हैं जहां पैसा एक तरफ से दूसरी तरफ बहता है। कंपनी को पैसा नहीं मिल रहा, लेकिन निवेशकों को लगता है कि वे कुछ बड़ा कर रहे हैं। शायद यही वास्तविकता है - हम सब एक बड़े नाटक में अभिनय कर रहे हैं।
Surbhi Kanda
नवंबर 30, 2025 AT 14:43यह आईपीओ एक बड़े ऑफर फॉर सेल का उदाहरण है जिसमें निवेशकों को निर्णय लेने के लिए बुनियादी विश्लेषण करना चाहिए। ग्रे मार्केट प्रीमियम एक अस्थायी घटना है जिसका उपयोग करके आप अपनी रिस्क टॉलरेंस को मैप कर सकते हैं। यह एक निवेश नहीं, बल्कि एक स्ट्रैटेजिक एक्जिट है।
Sandhiya Ravi
दिसंबर 2, 2025 AT 02:47मैं इसे बहुत सावधानी से देख रही हूँ। अगर ये कंपनी ई-मोबिलिटी के साथ बढ़ेगी तो ये एक अच्छा निवेश हो सकता है। लेकिन अगर ऑटो बाजार गिरता है तो ये भी गिर जाएगा। मैं थोड़ा इंतजार करूंगी और फिर फैसला करूंगी।
JAYESH KOTADIYA
दिसंबर 4, 2025 AT 00:19भारत बना रहा है दुनिया का सबसे बड़ा ऑटो बाजार और ये आईपीओ उसका अच्छा नमूना है 🇮🇳🔥 ग्रे मार्केट में 15% प्रीमियम? ये तो बस शुरुआत है! अगर आप नहीं खरीदे तो आप अपना भारतीय भविष्य छोड़ रहे हो!
Vikash Kumar
दिसंबर 5, 2025 AT 02:53ग्रे मार्केट प्रीमियम? बस एक फेक है। ये आईपीओ फेल हो जाएगा।
Siddharth Gupta
दिसंबर 5, 2025 AT 23:15ये आईपीओ तो बिल्कुल बाजार की जिंदगी का एक अच्छा उदाहरण है - जब एक चीज़ बहुत अच्छी लगे तो सब उसके पीछे भागते हैं। लेकिन असली बात ये है कि क्या वो चीज़ असल में अच्छी है? ये कंपनी अपने बिजनेस मॉडल में जोखिम ले रही है, लेकिन अगर ई-कार्स बढ़ेंगे तो ये बहुत बड़ा जीतने वाला है। बस एक बार देख लो, फिर निर्णय ले लो!
Anoop Singh
दिसंबर 7, 2025 AT 07:14अरे यार, ये तो सब जानते हैं कि ये आईपीओ बस एक निकासी है। लेकिन फिर भी लोग इसमें घुस रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत में सब कुछ बढ़ेगा। तुम लोगों को तो अपने घर का बिजली बिल भी नहीं चुकाना आता, फिर आईपीओ में पैसा डाल रहे हो!
Omkar Salunkhe
दिसंबर 7, 2025 AT 20:00ये आईपीओ फेल हो जाएगा 100% क्योंकि टेन्नेको क्लीन एयर इंडिया ने अपना नाम बदल दिया है और अब ये बस एक शेल कंपनी है जो लोगों को फंसा रही है और ग्रे मार्केट में जो भी ट्रेड हो रहा है वो सब बॉट्स द्वारा किया जा रहा है
raja kumar
दिसंबर 8, 2025 AT 23:32भारत के ऑटोमोटिव सेक्टर में वैश्विक निवेश का यह एक अच्छा संकेत है। जब एक वैश्विक निवेशक अपना निवेश एक्जिट करता है तो यह दर्शाता है कि वह भारत के बाजार में भरोसा रखता है और अब यह नए निवेशकों के लिए खुल रहा है। यह एक आशाजनक दृष्टिकोण है।
Sumit Prakash Gupta
दिसंबर 10, 2025 AT 20:03इस आईपीओ में एक बड़ी वैल्यू प्रोपोजिशन है। ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के क्लीन एयर सेक्टर में ग्लोबल डिमांड बढ़ रही है। ये एक टेक-एनेबल्ड बिजनेस है जो रेगुलेटरी ट्रेंड्स के साथ ग्रो कर रहा है। ये आईपीओ बस एक ट्रांजिशनल इवेंट नहीं, बल्कि एक स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन है।
Bhavesh Makwana
दिसंबर 11, 2025 AT 12:55क्या हम यहां निवेश कर रहे हैं या सिर्फ एक अनुमान पर खेल रहे हैं? ग्रे मार्केट एक अस्थायी चीज़ है, लेकिन अगर भारत का ऑटो सेक्टर असल में बढ़ेगा तो ये कंपनी भी बढ़ेगी। शायद यही असली बात है।
Vidushi Wahal
दिसंबर 11, 2025 AT 13:46मैं इसमें निवेश नहीं करूंगी। बस देखूंगी।