धर्म‑संस्कृति – भारतीय त्योहारों और आध्यात्मिक ज्ञान का संगम

When exploring धर्म‑संस्कृति, भारतीय समाज में धार्मिक अनुशासन और सांस्कृतिक परम्पराओं का संयुक्त रूप, also known as धर्म‑संस्कृति, you instantly think of प्रमुख त्यौहार। इस सूची में दीवाली, प्रकाश का त्योहार, आर्थिक और आध्यात्मिक दोनो पहलूओं से जुड़ा, करवा चौथ, व्रत रखने वाली महिलाओं की शक्ति और पति‑प्रेम की प्रतीक और रक्षा बंधन, भाइयों‑बहनों के रक्षाबंधन का भाव शामिल हैं। ये त्यौहार केवल पूजा‑पाठ नहीं, बल्कि सामाजिक जुड़ाव, आर्थिक गतिविधि और सांस्कृतिक पहचान को भी आकार देते हैं।

विवरण, मुहूर्त और ज्योतिष – कैसे तिथियाँ बनती हैं?

हर त्यौहार के पीछे मुहूर्त, शुभ समय निर्धारित करने की विज्ञान और पंचांग‑आधारित समय‑निर्धारण होते हैं। 2025 में दीवाली 18‑23 अक्टूबर के बीच पड़ती है, जबकि करवा चौथ 10 अक्टूबर को है – दोनों की पूजा‑समय तालिका विशेषज्ञों द्वारा प्रकाशित की गई है। इसी तरह, रक्षा बंधन के लिए शुभ समय सुबह 1:33 AM के बाद शुरू होता है, जैसा पंडित आचार्य लाल मोहन शास्त्री ने बताया। अंक‑ज्योतिष के हिसाब से 12 अक्टूबर को मूलांक 4 वाले जातकों को व्यापार‑बढ़ोतरी का संकेत मिला। इन सभी तत्वों में पारस्परिक प्रभाव है: धर्म‑संस्कृति संबंधित है मुहूर्त से, मुहूर्त निर्भर करता है पंचांग पर, और पंचांग परिणामित करता है ज्योतिषीय अनुमान। इस तरह की कड़ियाँ समझने से आप अपने व्यक्तिगत या व्यावसायिक योजना में सटीक समय चुन सकेंगे।

धर्म‑संस्कृति के तहत चलने वाले त्यौहार आर्थिक रूप से भी बड़ा प्रभाव डालते हैं। दीवाली के शॉपिंग सीजन में खुदरा बिक्री दो‑तीन गुना बढ़ती है, जबकि करवा चौथ के दौरान गहनों और मिठाईयों की मांग में तीव्र उछाल आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग इन अवसरों को शुभ मानते हैं और खर्च करने के लिए तैयार होते हैं। इसी तरह, सुरक्षा‑बंधन के समय उपहार‑परिवर्तनों से जुड़ी कई स्थानीय व्यापारिक गतिविधियाँ चलती हैं, जो छोटे‑बड़े व्यापारी दोनों के लिए लाभदायक होती हैं। इन आर्थिक झटकों को समझकर आप व्यवसायिक योजना में बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

इस पृष्ठ पर आप आने वाले सालों के प्रमुख त्यौहारों, उनके वैध मुहूर्त, आर्थिक प्रभाव और ज्योतिषीय टिप्स की विस्तृत जानकारी पाएँगे। चाहे आप घर में उत्सव की तैयारी कर रहे हों, व्यापारिक फैसले ले रहे हों या सिर्फ संस्कृति के प्रति जिज्ञासु हों, यहाँ का संग्रह आपके सवालों के जवाब देगा। नीचे के लेखों में प्रत्येक त्यौहार की इतिहास, रिवाज, और 2025 के विशेष समय‑निर्देशों को गहराई से बताया गया है, जिससे आप अपने कैलेंडर को आसानी से प्लान कर सकेंगे। अब आगे बढ़िए और देखें कि कौन‑से लेख आपके विशेष जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

दीवाली 2025: 18‑23 अक्टूबर का कैलेंडर, तिथि व महत्त्वपूर्ण मुहूर्त

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दीवाली 2025, 18‑23 अक्टूबर, भारत में राष्ट्रीय अवकाश, प्रमुख तिथियों व रीति‑रिवाजों के साथ आर्थिक और सांस्कृतिक असर.

अंक 4 वाले जातकों के लिए 12 अक्टूबर का शुभ दिन: व्यापार और घरेलू सुख में बढ़ोतरी

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12 अक्टूबर 2025 को मूलांक 4 वाले जातकों को व्यापार, गृह‑सुख और कार्यस्थल में लाभ मिलेगा; सूर्य‑गुरु के सहयोग से निवेश और परिवारिक सहयोग का समय है।

करवा चौथ 2025: दिल्ली‑मुम्बई के चाँद उठने के सटीक समय और पूजा मुहूर्त

करवा चौथ 2025: दिल्ली‑मुम्बई के चाँद उठने के सटीक समय और पूजा मुहूर्त

10 अक्टूबर को मनाया गया करवा चौथ 2025, जहां दिल्ली‑मुंबई सहित प्रमुख शहरों में चाँद उठने के सटीक समय और पूजा मुहूर्त की तालिका प्रकाशित हुई। महिलाओं ने निरझला व्रत रखकर अपने पतियों की लंबी आयु की कामना की।

रक्षा बंधन 2024: महत्व, शुभ मुहूर्त और मान्यताएँ

रक्षा बंधन 2024: महत्व, शुभ मुहूर्त और मान्यताएँ

रक्षा बंधन 2024 हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह पर्व सावन मास के अंतिम सोमवार को मनाया जाता है। इस साल शुभ मुहूर्त 1:33 AM के बाद शुरू होता है। पंडित आचार्य लाल मोहन शास्त्री ने बताया कि राखी भद्रा काल के बाद बांधनी चाहिए।