FASTag Annual Pass: 3,000 रुपये में सालभर की यात्रा, यात्रियों के सवाल बाकी

जून, 19 2025

FASTag वार्षिक पास: एक बड़ा बदलाव या नया उलझाव?

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के ऐलान के बाद हाईवे यात्रियों में नई हलचल दिख रही है। 15 अगस्त 2025 से लागू होने वाले इस FASTag वार्षिक पास का दाम 3,000 रुपये रखा गया है और इसके तहत प्राइवेट गाड़ियों को 200 ट्रिप या फिर एक साल (जो भी पहले पूरा हो) तक नेशनल हाईवे की यात्रा की छूट मिलेगी। दावा किया जा रहा है कि इससे सफर 70% सस्ता हो जाएगा, लेकिन असली चर्चा तो इसकी शर्तों और दायरे को लेकर गर्म है।

इस पास के दो पहलू सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। पहला—क्या 200 ट्रिप पार करते ही साल भर वाली छूट खत्म हो जाएगी, या एक साल पूरे होने तक जितनी चाहें उतनी यात्रा की जा सकती है? दूसरा—क्या यह पास पूरे 70,000 किलोमीटर के नेशनल हाईवे नेटवर्क पर काम करेगा या उनमें भी कोई तय दायरा होगा? खासकर ऐसे इलाके, जहां 60 किमी के भीतर ही एक के बाद एक टोल पड़ जाते हैं, वहां लोगों की चिंता ज्यादा है।

फायदे, टेंशन और डिजिटल प्रक्रिया

इस FASTag वार्षिक पास को पाने और रिन्यू कराने की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होने वाली है। यूजर राजमार्ग यात्रा ऐप, NHAI या MoRTH की वेबसाइट से पास ले सकेंगे। यह सरकारी दावा है कि वार्षिक पास से न सिर्फ टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारें कम होंगी, बल्कि हर बार भुगतान को लेकर होने वाली असहमति और असुविधा भी दूर होगी।

अगर आमतौर पर किसी गाड़ी का मासिक टोल खर्च 8,000 से 10,000 रुपये आता है तो वार्षिक पास के जरिये वही खर्च सिर्फ 3,000 रुपये के करीब आ सकता है, बशर्ते यात्रा पास में तय लिमिट के भीतर हो। इसके अलावा, परिवार में अधिक घूमने के शौकीनों को भी एक ही पास से पूरे साल की राहत मिल सकती है।

अब सवाल ये भी बनता है कि 200 ट्रिप की कैपिंग साधारण यात्रियों के लिए मायने रखती है या नहीं। लंबी दूरी के डेली कम्यूटर के लिए 200 ट्रिप सालभर में जल्दी खत्म हो सकती है, ऐसे में साल के बीच नया पास खरीदना पड़ेगा। छोटा शहर या कस्बा छोड़कर बड़े शहरों में रोज़ अप-डाउन करने वाले लोग इसी गिनती के भीतर आ जाएंगे।

साथ ही, जिन इलाकों में टोल प्लाजा हर 30-40 किमी पर मिलते हैं, वहां ग्राहक जल्द ही अपनी ट्रिप लिमिट पार कर सकते हैं। वहीं उत्तर भारत के हाईवे और पश्चिमी भारत की औद्योगिक बेल्ट जैसी जगहों पर टोल घनत्व ज्यादा है। इन क्षेत्रों में किस तरह की सुविधा या छूट मिलेगी, इस पर अब भी सरकारी जवाब साफ नहीं है।

अभी नियमों के पूरी तरह सार्वजनिक होने का इंतजार है। लेकिन इतना तो तय है कि इस नई योजना से हाईवे यात्रा के तरीके और सड़क यात्रियों की जेब दोनों में फर्क नजर आएगा।