मिर्जापुर के Apex Ayurveda College में डंडीया विवाद: दो छात्रों की हिरासत, कैंपस में तनाव का माहौल

सित॰, 26 2025

मिर्जापुर के समासपुर गाँव में स्थित Apex Ayurveda College में 21 सितंबर को एक साधारण डंडीया खेल को लेकर अचानक हिंसा भड़क गई। दो समूहों के छात्र डंडीया के नियमों को लेकर बहस में उलझ गए और लड़ाई में बदल गया। इस झगड़े के परिणामस्वरूप BAMS छात्र संकल्प गुप्ता और उनके मित्र आयुष राज को छड़ियों व बैटन से मार दिया गया।

घटना की विस्तृत परिपेक्ष्य

डंडीया, जो कि एक पारम्परिक गुजराती नृत्य है, कॉलेज की सांस्कृतिक उत्सव में अक्सर मंचित होता है। इस बार कुछ छात्रों ने इसे सही ढंग से नहीं चलाने का आरोप लगाते हुए संकल्प गुप्ता के समूह से विरोध किया। दोनों पक्षों के बीच मौखिक बहस तेज हुई और अंततः शारीरिक झगड़े में बदल गई। संकल्प गुप्ता को गंभीर चोटें आईं; उनके सिर पर गहरी चोट और अंतःशिरा रक्तस्राव हुआ, जिससे उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और वेंटिलेटर पर प्रतिक्रिया लेना पड़ी।

जब यह खबर कैंपस में फ़ैल गई, तो संकल्प के साथियों का गुस्सा दो गुना बढ़ गया। अगले दिन, यानी बुधवार को, उनके समर्थकों ने विरोधी समूह के खिलाफ बड़ी भीड़ बनाकर फिर से पिटाई-पीटाई की। इस बार भी छड़ियों, लॉंग बर्स्टर्स और गलीचे के उपयोग की खबरें मिलीं, जिससे छात्र संगठनों में भय की लहर दौड़ गई।

पुलिस एवं प्रशासन का कदम

पुलिस एवं प्रशासन का कदम

स्थानीय पुलिस को इस हड़कंप की सूचना मिलने पर तुरंत कॉलेज परिसर में पहुंचा। स्टेशन अधिकारी (कोटवाल) ने शाम के समय पहुंच कर छात्रों को शांत करने, निरस्त्रीकरण करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये कई उपाय किए। उन्होंने छात्रों को एकत्रित होकर सामूहिक रूप से समझाया कि इस प्रकार की हिंसा से कैंपस की शैक्षणिक माहौल बिगड़ता है और भविष्य में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

इस क्रम में दो छात्रों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले जाया गया। उनका नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन इस बात की पुष्टि हुई है कि वे ही मुख्य आरोपियों में गिने जा रहे हैं, जो डंडीया विवाद के कारण हुए इस अराजकता में मुख्य भूमिक़ा निभाए थे। पुलिस ने कहा कि आगे की जांच में CCTV फुटेज, गवाहों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट को शामिल किया जाएगा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया तेज़ी से पूरी हो सके।

कॉलेज प्रशासन ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए एक आपातकालीन मीटिंग बुलाई और सभी छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कैंपस में किसी भी प्रकार की शारीरिक हिंसा बर्दाशत नहीं होगी और भविष्य में एंटी-हिंसा समितियों की स्थापना करके ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

स्थानीय छात्र संगठन और फैकल्टी भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठा रहे हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे वैकल्पिक संवाद मंचों का प्रयोग करें और किसी भी विवाद को शांति‑पूर्ण तरीके से सुलझाएं। इस बीच, संकल्प गुप्ता की हालत अभी भी गंभीर है; डॉक्टरों ने बताया है कि तत्काल सुधार की संभावना अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन निरंतर देखरेख से उनका स्वास्थ्य स्थिर हो सकता है।

डंडीया के साधारण खेल ने इस बार एक बड़े सामाजिक मुद्दे को जन्म दिया, जहाँ डंडीया विवाद ने छात्रों के बीच तनाव को बढ़ा दिया और कैंपस सुरक्षा की नई बहस को जन्म दिया। अब देखते हैं कि आगे की जांच, प्रशासनिक कदम और छात्र समुदाय की प्रतिक्रिया इस शैक्षणिक संस्था को फिर से स्थिरता की ओर ले जाएगी।