जब हम राजनीति, देश के शासन, नीति निर्माण और शक्ति के वितरण से जुड़ी प्रक्रियाओं का समुच्चय. इसे अक्सर सियासत कहा जाता है, तो यह हमारे रोज़मर्रा के फैसलों को सीधे प्रभावित करती है। इस श्रेणी में कांग्रेस, एक स्थापित राष्ट्रीय पार्टी, जो सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों पर फोकस करती है और भाजपा, एक प्रमुख केंद्र‑सरकारी दल, जो विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देता है की कहानियां मिलती हैं, साथ ही दिल्ली, राजधानी के स्थानीय राजनीति के केंद्र के उतार‑चढ़ाव भी।
इस पेज पर राजनीति से जुड़ी पूरी जानकारी मिलेंगी। मुख्य बात यह है कि राजनीति केवल चुनाव तक सीमित नहीं, यह नीति, प्रशासन और जनता की अपेक्षाओं के बीच का जटिल संबंध है। राजनीति जनता की आवाज़ को प्रतिबिंबित करती है, पार्टी रणनीति चुनाव जीतने के लिए प्रयोग की जाती है, और सरकारी निर्णय विकास को दिशा देते हैं – ये तीन तत्व आपस में जुड़े हुए हैं। हाल ही में मोदी सरकार की नई आर्थिक नीति, कांग्रेस की गठबंधन रणनीति, और दिल्ली में अटकली हुई विकास योजनाएँ सभी इस त्रिकोणीय संबंध को दिखाती हैं।
हमारे संग्रह में आपको राजस्थान के स्थानीय संघर्ष, तमिलनाडु में अभिनेताओं की नई पार्टी, और झारखंड की सत्ता बदलाव जैसी विभिन्न कहानियां मिलेंगी। इन कहानियों में कांग्रेस और भाजपा के बीच की प्रतिस्पर्धा, दिल्ली की मुख्य राजनीति, और मोदी जैसी राष्ट्रीय हस्तियों की नीतियों का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखता है। प्रत्येक लेख न केवल घटनाक्रम बताता है, बल्कि कारण‑परिणाम की जाँच करके पाठक को गहरा समझ देता है।
आगे के भाग में आप देखेंगे कि कैसे एक राज्य में एक नेता की मृत्यु से पार्टी की दिशा बदलती है, या कैसे एक फिल्म स्टार का प्रवेश राजनीति के परिदृश्य को नया रंग देता है। इस विविधता से यह सिद्ध होता है कि राजनीति हर स्तर पर असर डालती है – चाहे वह राष्ट्रीय स्तर की बड़ाई हो या स्थानीय स्तर की चुनावी जद्दोजहद। अब आप इन लेखों को पढ़ सकते हैं, अपने विचार बना सकते हैं, और फिर से राजनीति की जटिलता को समझने में एक कदम आगे बढ़ सकते हैं।
रमाेश्वर लाल डूडी, बिखानेर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विपक्षी नेता की दो साल कोमा के बाद 4 अक्टूबर 2025 को मृत्यु, उनके निधन पर पार्टी के शीर्षतम नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP ने 70 में से 48 सीटें जीत कर 27 साल बाद राजधानी में सत्ता फिर से हासिल की। AAP केवल 22 सीटों पर रह गया, केजरीवाल की हार ने पार्टी को बहुत झटका दिया। कांग्रेस ने कोई जीत नहीं की, पर कई जगह वोटों से समीकरण बदला।
शक्तिकांत दास, जो पूर्व आरबीआई गवर्नर थे, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के साथ होगा। आरबीआई में उनके रहते, उन्होंने नोटबंदी और कोविड-19 संकट से निपटने में मदद की थी। दास को उनकी विशाल प्रशासनिक अनुभव के लिए जाना जाता है, जो इस नए पद के लिए महत्वपूर्ण है।
तमिल सिनेमा के सुपरस्टार विजय के नए राजनीतिक दल तमिझगा वेत्री कझगम (टीवीके) की पहली सार्वजनिक सभा विक्रवंडी में आयोजित हो रही है। विजय इस सभा में अपनी राजनीतिक दृष्टि और एजेंडा प्रस्तुत करेंगे। उनके राजनीतिक प्रवेश से तमिलनाडु की राजनीति और दिलचस्प हो गई है, खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में।
उधयनिधि स्टालिन ने उपमुख्यमंत्री के रूप में अपनी नियुक्ति पर हो रही आलोचना का सामना करते हुए कहा है कि वह अपने कार्यों के माध्यम से इसका जवाब देंगे। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उधयनिधि को 29 सितंबर 2024 को शपथ दिलाई गई थी, और उन्हें योजना और विकास का विभाग भी सौंपा गया है। विपक्षी दलों ने इसे 'वंशवाद राजनीति' का उदाहरण बताया है।
आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने शनिवार, 21 सितंबर, 2024 को दिल्ली की मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। उन्होंने अरविंद केजरीवाल का स्थान लिया जिन्होंने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं हैं। शपथ ग्रहण समारोह राज निवास में आयोजित हुआ। मंत्रियों में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, और नए सदस्य मुकेश अहलावत शामिल हैं।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, जिन्हें 'कोल्हान टाइगर' के नाम से जाना जाता है, ने आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं। इस कदम से झारखंड की राजनीति में अहम बदलाव होने की संभावना है, विशेषकर उनके क्षेत्र और प्रभाव को देखते हुए।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के चेयरमैन मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे ने राजनीतिक हलचल मचा दी है, खासकर IAS प्रशिक्षु पूजा खेड़कर के विवाद के बीच। कांग्रेस पार्टी ने इसे UPSC की वर्तमान समस्याओं से जोड़ते हुए आरोप लगाए हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान ट्रंप के बारे में सच्चाई को उजागर करना नहीं छोड़ने की बात कही। बाइडेन का मानना है कि चुनावी गर्मी को ठंडा करने की जरूरत है, लेकिन इससे ट्रंप की सच्चाई सामने लाने की उनकी प्रतिबद्धता नहीं घटेगी। उन्होंने अमेरिका में राजनीतिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जाहिर की।
राहुल ममकोत्तथिल ने हाल ही में सार्वजनिक तौर पर असीफ अली को समर्थन दिया है। यह खबर 16 जुलाई, 2024 को रिपोर्ट की गई थी और इसमें दोनों व्यक्तियों के बीच बढ़ती एकता को उजागर किया गया है। राहुल ममकोत्तथिल का असीफ अली का समर्थन एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, हालांकि इस समर्थन के पीछे के सटीक कारण और प्रभाव स्पष्ट रूप से नहीं बताए गए हैं।